महाकुंभ में आने वाले लोग हो जाएं सावधान, योगी सरकार ने इस काम पर लगाया बैन, आदेश जारी
इसमें विभागीय अधिकारियों, एलपीजी वितरकों, गैस कंपनी के प्रतिनिधियों और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान एलपीजी लीकेज से होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए।
महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से एलपीजी सुरक्षा पर विशेष बैठक आयोजित की गई। इसमें विभागीय अधिकारियों, एलपीजी वितरकों, गैस कंपनी के प्रतिनिधियों और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान एलपीजी लीकेज से होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए।
इन निर्देशों का करना होगा पालन
सिलेंडर की जांच अनिवार्य: तकनीकी सहायक एलपीजी सिलेंडरों की लीकेज की जांच करेंगे। लीकेज पाए जाने पर सिलेंडरों की आपूर्ति रोक दी जाएगी। उपभोक्ताओं के गैस सिलेंडर, पाइप और रेगुलेटर की जांच करने और मानक के अनुरूप न होने पर उन्हें बदलने के निर्देश दिए गए। मेला क्षेत्र में तकनीकी सहायकों की टीमें तैनात की गई हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई करेंगी।
गैस आपूर्ति के नियम के अनुसार मेला क्षेत्र में अधिकतम 100 किलोग्राम गैस के भंडारण की अनुमति होगी। प्रत्येक आपूर्ति वाहन का पूरा विवरण कार्यालय में उपलब्ध कराया जाएगा।
घरेलू गैस के दुरुपयोग पर सख्ती
सेमिनार में यह भी निर्णय लिया गया कि घरेलू गैस का दुरुपयोग या अनाधिकृत सिलेंडरों की बिक्री पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाद्य एवं रसद विभाग ने सभी एलपीजी वितरकों और अधिकारियों से मेला क्षेत्र में गैस आपूर्ति की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित एजेंसियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
351 से अधिक वाहन तैनात
उधर, इस बार योगी सरकार ने आग की घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इतना ही नहीं, विभिन्न प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन और 2000 से अधिक प्रशिक्षित मैनपावर तैनात किए गए हैं। प्रत्येक अखाड़े के तंबू को भी अग्निशमन उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। इतना ही नहीं, मेला शुरू होने से पहले एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ दर्जनों मॉक ड्रिल भी आयोजित की गईं, जो दुर्घटनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाएंगी। पूरे मेला क्षेत्र में 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4,300 फायर हाइड्रेंट तैनात किए गए हैं।
महाकुंभ को अग्नि दुर्घटना मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए योगी सरकार ने विभाग को 66.75 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ रुपये है। इस प्रकार कुल 131.48 करोड़ रुपये की लागत से महाकुंभ मेले में अग्नि दुर्घटनाओं से बचाव के लिए वाहन और उपकरण तैनात किए गए हैं।
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