PMO का नाम अब 'सेवा तीर्थ', “भारत सत्ता से सेवा की ओर बढ़ रहा” - PM मोदी
केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख प्रशासनिक भवनों के नामों में बड़ा बदलाव किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’, राज्यपाल आवास और राज्य भवनों का नाम ‘लोक भवन’ और केंद्रीय सचिवालय का नाम ‘कर्तव्य भवन’ रखा गया है।
केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख प्रशासनिक भवनों के नामों में बड़ा बदलाव किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’, राज्यपाल आवास और राज्य भवनों का नाम ‘लोक भवन’ और केंद्रीय सचिवालय का नाम ‘कर्तव्य भवन’ रखा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह बदलाव केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक परिवर्तन है। बयान में कहा गया, “भारत सत्ता से सेवा की ओर बढ़ रहा है। यह नाम परिवर्तन नए भारत की सोच और कार्य संस्कृति का प्रतीक है।”
PMO अब नए कैंपस ‘सेवा तीर्थ’ में करेगा काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दफ्तर अब 78 साल पुराने साउथ ब्लॉक से स्थानांतरित होकर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने नए ‘सेवा तीर्थ’ कैंपस में शिफ्ट होगा। जिसमें सेवा तीर्थ-1 में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), सेवा तीर्थ-2 में कैबिनेट सचिवालय कार्य और सेवा तीर्थ-3 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का कार्यालय स्थापित होगा।
‘राज भवन’ की जगह अब ‘लोक भवन’
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि ‘राज भवन’ शब्द ब्रिटिश औपनिवेशिक मानसिकता का प्रतीक है। इसी कारण सभी राज्यपाल और उपराज्यपाल आवासों का नाम बदलकर अब ‘लोक भवन’ और ‘लोक निवास’ रखा जाएगा। गृह मंत्रालय के अनुसार, यह प्रस्ताव पिछले साल राज्यपालों के सम्मेलन में रखा गया था, जहां इस पर सभी लोगों ने सहमति जताई थी। पहले भी बदले गए कई प्रमुख नाम यह पहला मौका नहीं है जब केंद्र सरकार ने औपनिवेशिक या सत्ता-केन्द्रित नामों को हटाने की पहल की है। राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया था। प्रधानमंत्री का निवास रेस कोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया गया था। सरकार का कहना है कि इन बदलावों का मकसद है “जनता से जुड़ी, सेवा-प्रधान प्रशासनिक पहचान” को आगे बढ़ाना।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट नए प्रशासनिक केंद्र
बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के क्षेत्र में कई सरकारी परिसरों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इसमें शामिल हैं ,नया संसद भवन, प्रधानमंत्री व उपराष्ट्रपति आवास और कॉमन सेंट्रल सचिवालय। यह प्रोजेक्ट सितंबर 2019 में शुरू हुआ था। जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को रखी थी। कुल 20,000 करोड़ रुपये के बजट से यह परियोजना बनाई जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि कर्तव्य पथ (पूर्व राजपथ) का तीन किलोमीटर क्षेत्र पूरी तरह आधुनिक और पैदल चलने योग्य सरकारी जोन बने। यहां 10 नए कार्यालय ब्लॉक बनाए गए हैं, जिनमें वे मंत्रालय बदले जाएंगे,जो फिलहाल शास्त्री भवन, निर्माण भवन और कृषि भवन जैसी पुरानी इमारतों में फैले हुए हैं। हालांकि इनमें से एक ब्लॉक में पहले से ही काम शुरू हो चुका है, जबकि तीन और ब्लॉक तैयार हैं।
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