अब इंतजार हुआ खत्म, उत्तराखंड में इस दिन से लागू हो जाएगा UCC
सूत्रों का कहना है कि 27 जनवरी को ही इसके लागू होने की पुष्टि करने वाली अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी। UCC लागू करने वाला उत्तराखंड आजाद भारत का पहला राज्य होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून दौरे से एक दिन पहले 27 जनवरी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने जा रही है। इसी दिन दोपहर 12:30 बजे सचिवालय में UCC पोर्टल का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। सूत्रों का कहना है कि 27 जनवरी को ही इसके लागू होने की पुष्टि करने वाली अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी। UCC लागू करने वाला उत्तराखंड आजाद भारत का पहला राज्य होगा।
CM पुष्कर सिंह धामी के सचिव शैलेश बगोली की ओर से सभी विभागों को एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही गई है। बता दें कि सीएम धामी ने विधानसभा चुनाव से पहले 12 फरवरी 2022 को UCC की घोषणा की थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला और CM बनने के बाद पहली बैठक में ही CM धामी ने यूसीसी लाने का फैसला सुनाया।
धामी ने मई 2022 में विशेषज्ञ समिति का किया था गठन
CM धामी के निर्देश पर मई 2022 में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया, यह समिति सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में नबी थी। समिति को ऑफलाइन और ऑनलाइन लगभग 20 लाख सुझाव प्राप्त हुए और करीब 2.50 लाख लोगों से सीधा संवाद किया।
विशेषज्ञ समिति ने 2 फरवरी 2024 को ड्राफ्ट रिपोर्ट CM धामी को सौंपी, उसके बाद 6 फरवरी में विधानसभा में UCC विधेयक पेश किया और अगले दिन यह विधेयक विधानसभा में पारित हो गया। उसके बाद राज्यपाल ने विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा, जिसे राष्ट्रपति ने 11 मार्च को मंजूरी दे दी।
20 जनवरी को कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
उसके बाद UCC कानून के नियम बनाने के लिए एक समिति बनी और नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने अंग्रेजी और हिंदी दोनों संस्करणों में 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली सौंप दी थी, 20 जनवरी 2025 को नियमावली को धामी की कैबिनेट ने मंजूरी दी और अब इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है।
राज्य में UCC लागू हो जाने के बाद सभी धर्म और समुदायों के लोगें में तलाक, विवाह, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक ही कानून होंगे। इसके साथ ही 26 मार्च 2010 के बाद से हर दंपती को शादी और तलाक का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। यदि कोई पंजीकरण नहीं करता है तो अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि कोई पंजीकरण नहीं कराता है तो उसे सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेगी, इसी तरह से UCC में कई और भी प्रावधान किए गये हैं।
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