किसानों के लिए खुशखबरी: मखाना विकास को मिले 476 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय मखाना बोर्ड ने तय किया रोडमैप

केंद्र सरकार ने मखाना किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए मखाना क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक नई केंद्रीय योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक लागू रहेगी, जिस पर कुल 476.03 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे

Dec 13, 2025 - 13:23
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किसानों के लिए खुशखबरी: मखाना विकास को मिले 476 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय मखाना बोर्ड ने तय किया रोडमैप

केंद्र सरकार ने मखाना किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए मखाना क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक नई केंद्रीय योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक लागू रहेगी, जिस पर कुल 476.03 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य मखाना उत्पादन की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार, किसानों की आय में बढ़ोतरी और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय मखाना की मजबूत पहचान स्थापित करना है।

अनुसंधान से लेकर निर्यात तक होगा विकास

योजना के तहत मखाना क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार, उन्नत गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन, किसानों की क्षमता निर्माण, कटाई और कटाई-पश्चात प्रक्रियाओं में सुधार, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, विपणन, निर्यात प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक

राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बोर्ड बैठक 12 दिसंबर को कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने की। इस दौरान बोर्ड और केंद्रीय क्षेत्र योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू किया गया। बैठक में राज्यों और शोध संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्ययोजनाओं की समीक्षा की गई और मखाना क्षेत्र के समग्र विकास से जुड़े विभिन्न घटकों के लिए बजट आवंटन को मंजूरी दी गई।

मखाना खेती के विस्तार पर जोर

बैठक में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों क्षेत्रों में मखाना की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। साथ ही, वर्तमान और अगले वर्ष के लिए राज्यों की बीज आवश्यकताओं को समेकित कर उन्हें बिहार के सबौर स्थित राज्य कृषि विश्वविद्यालय (SAU) और समस्तीपुर स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के माध्यम से उपलब्ध कराने पर सहमति बनी।

इसके अलावा, एनआरसी मखाना, दरभंगा, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न राज्यों से आने वाले प्रशिक्षकों को मखाना वैल्यू चेन की नवीनतम तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आधुनिक तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस

बोर्ड ने खेती और प्रसंस्करण से जुड़ी नई तकनीकों पर अनुसंधान एवं विकास, ग्रेडिंग, सुखाने, पॉपिंग और पैकेजिंग के लिए आधारभूत ढांचे के विकास, आधुनिक खेती पद्धतियों को बढ़ावा, बाजार से जुड़ाव और निर्यात की तैयारियों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। कृषि मंत्रालय ने कहा कि यह बैठक देशभर में मखाना क्षेत्र के समन्वित, वैज्ञानिक और बाजार-उन्मुख विकास के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार करती है।

बजट में हुई थी मखाना बोर्ड की घोषणा

गौरतलब है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की गई थी। इस बोर्ड का औपचारिक शुभारंभ 15 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में किया था। इसे भारत के मखाना क्षेत्र को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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