महाकुंभ 2025: आस्था और संस्कृति का महासंगम, CM योेगी ने दी शुभकामनाएं
प्रयागराज में आज से महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुरू हुआ यह आयोजन भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का सबसे बड़ा प्रतीक है।
प्रयागराज में आज से महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुरू हुआ यह आयोजन भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का सबसे बड़ा प्रतीक है। महाकुंभ के पहले दिन श्रद्धालु संगम तट पर एकत्रित हो गए हैं और गंगा में पवित्र स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने की कामना कर रहे हैं। महाकुंभ का यह आयोजन भारत के धार्मिक विश्वासों और परंपराओं को जीवित रखने का एक अद्वितीय माध्यम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के शुभारंभ पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, "महाकुंभ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है।"
महाकुंभ 2025 का महत्व
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था के अद्भुत संगम का प्रतीक भी है। महाकुंभ का आयोजन हर बारह साल में एक बार होता है और इस दौरान लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्रित होकर गंगा, यमुन और सरस्वती के मिलन स्थल पर पवित्र स्नान करते हैं। यह आयोजन भारत की आध्यात्मिकता को समर्पित है और लोगों को आस्था, विश्वास और मानवता के सिद्धांतों की याद दिलाता है।
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