गेस्ट टीचर की तरह हरियाणा में अब डॉक्टरों के भी ऑनलाइन होंगे ट्रांसफर
सरकार इसके लिए एक पॉलिसी तैयार करने जा रही है, जिसके लिए तीन अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया गया है।
चंद्रशेखर धरणी : हरियाणा में अब गेस्ट टीचर की तर्ज पर डॉक्टर्स के भी ऑनलाइन ट्रांसफर हो पाएंगे। सरकार इसके लिए एक पॉलिसी तैयार करने जा रही है, जिसके लिए तीन अधिकारियों की एक कमेटी का गठन किया गया है। गठित की गई कमेटी एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। अधिकारियों की यह कमेटी इस बारे में भी पता लगाएगी कि देश के किसी अन्य राज्य् में डाक्टरों के ऑनलाइन ट्रांसफर को लेकर क्या व्यवस्था है। यदि किसी राज्य में डाक्टरों के आनलाइन तबादले होते हैं तो कमेटी वहां जाकर उन तबादलों की प्रक्रिया को भी समझेगी।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने देश में सबसे पहले शिक्षकों के आनलाइन तबादलों की पालिसी तैयार की थी। इस पालिसी की सराहना स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश समेत कई भाजपा शासित राज्यों ने हरियाणा के शिक्षकों की आनलाइन तबादला पालिसी को अपने-अपने राज्यों में लागू किया था। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में यह पालिसी बनी थी। उस समय पीके दास शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं और बिजली विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
हरियाणा के सरकारी डाक्टर लंबे समय से चाहते थे कि उनके तबादले आनलाइन होने चाहिए, ताकि इन तबादलों में राजनीतिक हस्तक्षेप को बिल्कुल कम किया जा सके। अभी दुर्भावना में डाक्टरों को ऐसे स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाता है, जहां उनके लिए कोई सुविधा नहीं होती। प्रदेश सरकार ने साल 2016 में भी आनलाइन तबादला नीति बनाने की पहल की थी, लेकिन तब वह कामयाब नहीं हो सकी थी। उस समय अनिल विज राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे।
उस समय ट्रायल के तौर पर स्वास्थ्य विभाग में 482 डाक्टरों के आनलाइन तबादले किये गये थे, लेकिन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यह कहते हुए इन तबादलों पर रोक लगा दी थी कि तबादलों का डाटा अपलोड किए जाने में मिल रही अनियमितताओं के मद्देनजर यह रोक लगाई गई है। कुछ कपल (पति-पत्नी) के
तबादलों संबंधी पूरा डाटा नहीं होने की वजह से भी यह रोक लगाई गई थी।
हरियाणा के स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल ने डाक्टरों के आनलाइन तबादलों की पालिसी तैयार करने के लिए जो तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है, उसे स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव आदित्य दहिया लीड करेंगे। कमेटी में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. मनीष बंसल और स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात एसएमओ डा. निशिकांत को सदस्य के रूप में रखा गया है। सुधीर राजपाल ने अपने आदेश में कमेटी को निर्देशित किया है कि राज्य में पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों) की तर्ज पर आनलाइन तबादला नीति को तैयार किया जाना चाहिए।
What's Your Reaction?