मनोहर लाल और नायब सैनी की 'विरासत' के उत्तराधिकारी जगमोहन आनंद ने खोला राज, जानिए कैसे निभाएंगे जिम्मेदारी ?
ऐसे में 10 साल तक सीएम सिटी का खिताब पाने वाली करनाल विधानसभा में मनोहर लाल और नायब सैनी के उत्तराधिकारी के रूप में जनता ने बीजेपी के जगमोहन आनंद को लेकर चुनकर विधानसभा पहुंचाया है।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : हरियाणा की राजनीति में पहली बार किसी राजनीतिक दल की ओर से लगातार हैट्रिक लगाते हुए तीसरी बार अकेले अपने दम पर प्रदेश की सत्ता संभाली है। ऐसे में ना केवल भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज बल्कि एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी इस एतिहासिक क्षण के गवाह के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पहुंचे। ऐसे में 10 साल तक सीएम सिटी का खिताब पाने वाली करनाल विधानसभा में मनोहर लाल और नायब सैनी के उत्तराधिकारी के रूप में जनता ने बीजेपी के जगमोहन आनंद को लेकर चुनकर विधानसभा पहुंचाया है। ऐसे में अब करनाल में मनोहर लाल और नायब सैनी की राजनीतिक विरासत को जगमोहन आनंद किस प्रकार से बरकरार रखते हुए आगे बढ़ाएंगे ? इसे लेकर हमने करनाल से विधायक जगमोहन आनंद से खास बातचीत की।
सवालः- आपकी भूमिका मनोहर लाल जी के लोकसभा चुनाव और नायब जी के विधानसभा चुनाव में देखी। मीडिया को क्या जानकारी देनी है और कहां क्या कार्य़क्रम रखा जाना है, सारी जिम्मेदारी आप के ऊपर थी। इस दौरान कभी भी आपके चेहरे पर कोई शिकन और उत्तेजना नहीं दिखाई दी और आखिर यह सहनशीलता कहां से आई ?
जवाबः- देखिए, यहीं चानवी प्रबंधन है। मनोहर लाल जी के नेतृत्व में बहुत काम किए हैं। उनकी संगठनात्मक क्षमता, जो उन्होंने सिखाई, उसका फसलस्वरूप 10 साल तक वह करनाल से विधायक रहे तो इस दौरान चुनाव में काम करने का जब मौका मिला तो उनसे बहुत चीजे सीखने को मिली। कार्यकर्ता जो समर्पित भाव से काम करता है, उन कार्यकर्ताओं से सहयोग लेकर हमने मनोहर जी की विधानसभा चुनाव की कमान बहुत अच्छे से संभाली और उप चुनाव में नायब सैनी जब 4 साढ़े 4 महीने रहे तो उनके चुनाव को भी संभाला और कार्यकर्ताओं के सहयोग से क्षेत्र में काम किए, ये जो निपुणता है, ये एकाग्रता मनोहर जी की देन है, उनके नेतृत्व में जो काम करने का तरीका है, उससे संगठनात्मक रूपी व्यक्ति को तैयार करते हैं ये अपने आप में बड़ी बात है।
सवालः- मानव स्वभाव में किसी ना किसी बात को लेकर उत्तेजना बहुत जल्द आती है। गुस्सा बहुत जल्दी आता है। आपको एक व्यक्ति 4 बार आपसे बात कर चुका हो, बार-बार फोन करता है, वहां तो गुस्सा स्वभाविक बन जाता है।
जवाबः- आप ठीक कह रहे हैं। कई बार इरीटेशन आ जाती है, लेकिन उस इरीटेशन को कंट्रोल करना ही कार्यकर्ता का भाव होता है। उस भाव को बरकरार रखना ही अपने आप में एक बड़ी बात होती है। भारतीय जनता पार्टा का कोई कार्यकर्ता पेड नहीं है। वह अपना समय दे रहा है। अपना वक्त लगा रहा है। पार्टी के लिए, तो हमारा भी फर्ज बनता है कि उन कार्य़कर्ताओं के मान और सम्मान के लिए अफने व्यवहार में शालीनता लाए, अपने व्यवहार में एकाग्रता लाए, अपने व्यवहार में शालीनता लाए, ताकि सबका सहयोग लिया जा सके।
सवालः- करनाल के विधायक के रूप में आप मनोहर लाल और नायब सैनी के उत्तराधिकारी बने है। उस विरासत को संभालने के लिए वहां प्राथमिकताएं क्या रहेंगी ?
जवाबः- बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। चुनाव प्रचार में भी लगातार में ये कहता रहा कि मनोहर जी ने जो विश्वास व्यक्त किया है। नायब जी ने जो विश्वास व्यक्त किया है। दोनों मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने अपनी विरासत एक उत्तराधिकारी के रूप में मेरे कंधों पर डाली है। अब मेरी जिम्मेदारी है, खुद को साबित करने की, मेरी जिम्मेदारी है करनाल के प्रति जवाबदेही की, मेरी जिम्मेदारी है करनाल के विकास की, मेरी जिम्मेदारी है कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने जैसे करनाल को एक विकास के परचम पर निर्माण किया है, उस निर्माण को आगे गति देने का काम मैं बखूबी निभा सकू। उस परमपिता परमात्मा से यहीं दुआ है कि मुझे इतनी शक्ति दें ताकि में अपने करनाल की जनता के लिए सर्वत्र और हर समय उपलब्ध रहूं।
सवालः- करनाल की जो अब समस्याएं है, जो आपका रोड मैप रहेगा, वह कौन से एजेंजे रहने वाला है। करनाल की जनता आपसे किन चीजों को हल करने की उम्मीद करें ?
जवाबः- करनाल की बेसिक चीज रोजगार के नए आयाम खुले। इसलिए लिए आईएमटी मानेसर की तर्ज पर मनोहर लाल जी ने आईएमटी करनाल की घोषणा की है। उसमें 50 हजार के करीब नौकरियां मिलनी हैं। वह प्रोजेक्ट धरातल पर कितनी जल्द उतर सके, वह प्राथमिकता में रहेगा। दूसरा मूलभूत सुविधाओं में कईं कच्ची कॉलोनियां है, उन्हें रेगुलर करवाना है। इसके साथ ही बिजली, पानी और सड़क के तंत्र को दुरुस्त करना है, जिससे आमजन को कोई तकलीप ना हो। पहली प्राथमिकता यह रहने वाली है।
सवालः- मनोहर लाल करना से सांसद है। आप कहां किसी की अनदेखी करेंगे तो आप का रिपोर्ट कार्ड तो सीधा हाई कमान तक पहुंच जाएगा, क्योंकि उनका रुतबा किसी से छिपा नहीं है। नायब सैनी को भी अब वहां के वोटर और अन्य सभी जानते हैं। आप कैसे सभी चीजों को मैनेज करेंगे ? क्या व्यवस्था रहेगी और आगे क्या रहेगा ?
जवाबः- मेरी आदत हमेशा से सबको साथ लेकर चलने की रही है। आज जिस मुकाम पर पहुंचा हूं। अगर यह व्यवहार मेरा रहता तो आज 33652 की लीड हुई है। वह भी 2 बार की विधायिका रही है। जब एक प्रकार से एग्जिट पोल कांग्रेस की सरकार बनती दिखा रहे थे, उस समय में इतनी बड़ी लीड। यदि करनाल की जनता ने कार्यकर्ताओं के सहयोग से दी है, तो कहीं ना कहीं व्यवहार में शालीनता और उन कार्य़कर्ताओं का प्यार रहा है। कोई भी कार्यकर्ता मुझसे दूर नहीं है। कोई दूर है तो उसे गले लगाने का काम हम करेंगे। सबकों साथ लेकर करनाल की जनता के विश्वास के साथ काम करने का प्रयास करूंगा।
सवालः- आपने एग्जिट पोल का जिक्र किया। आखिर कांग्रेस क्यों लुढ़की ?
जवाबः- अपने अहंकार से, एक तो सबसे बड़ी बात कही, जिस प्रकार बिना पर्ची-बिना खर्ची की नौकरियां बीजेपी ने दी। कांग्रेस के लोग नौकरियां बेचने की बात कहने लग गए थे, 50 वोट पर एक नौकरी देंगे, कोई कह रहा था पहले अपना पेट भरूंगा, फिर अपना घर भरूंगा, फिर रिश्तेदार का, उनका आत्मविश्वास ही ले डूबा कि उनकी सरकार बनने वाली है और धरातल में वह कहीं नहीं थे। हमने धरातल पर काम किया। हम नीचे-नीचे काम कर रहे थे और काम करने का नतीजा यह था कि हमें पहले दिन से विश्वास था कि एग्जिट पोल के नतीजे गलत होंगे। हम पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।
सवालः- नायब सैनी चाहे 54 दिन के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उनकी पीठ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुले रूप से थपथपाते हैं। प्रधानमंत्री भी खुले रूप से मंचों पर उनकी तारीख करते हैं, क्या कहेंगे ?
जवाबः- नायब जी के साथ मेरा बहुत पुराना परिचय है। नारायणगढ़ से परिचय है। मैने उनकी कार्यशैली बहुत निकटता से देखी है। उनका मुस्कुराता चेहरा हर व्यक्ति को अपना लेता है। इतने शालीन स्वभाव के हैं कि आदमी उनसे सीखता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनके साथ काम करने का मौका मिला, उनमें कोई फर्क नहीं था। यह खुद में बहुत बड़ी बात है। यहीं उनकी सफलता का राज है। यहीं जिस प्रकार से जनता को उन्होंने गले लगाया। रात के 2-2 बजे भी सीएम आवास आमजन के लिए खुला रहा, तो जनता में एक संदेश गया कि यह मुख्यमंत्री आमजन का सेवक है, जिस लाभ हमें इन चुनावों में मिला। 48 सीट के साथ इतना बड़ा बहुमत अपने दम पर हमने सरकार बनाई। नायब जी का व्यवहार, आत्मविश्वास, शालीनता और उनकी एकाग्रता उनका भोलापन और सबसे बड़ी यारों के या ये सभी क्वालिटी उन्हें सही में नायब बनाती है।
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