Indigo Crisis : इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा एक्शन, 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर सस्पेंड

इंडिगो संकट के बीच डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) ने बड़ी कार्रवाई की है। भारत के एविएशन रेगुलेटर, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) ने चार फ़्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है।

Dec 12, 2025 - 15:51
Dec 12, 2025 - 15:52
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Indigo Crisis : इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा एक्शन, 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर सस्पेंड
Indigo Airlines

इंडिगो से जुड़े हालिया विवादों के बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने चार फ़्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया है। बताया जा रहा है कि एयरलाइन के निरीक्षण और परिचालन निगरानी में गंभीर चूक सामने आने के बाद यह निर्णय लिया गया। जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनके नाम हैं-रिषराज चैटर्जी, सीमा झमनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक।

ये चारों अधिकारी अनुबंध आधार पर DGCA से जुड़े हुए थे और इनकी ज़िम्मेदारी इंडिगो की सुरक्षा प्रक्रियाओं तथा ऑपरेशनल ओवरसाइट पर विशेष निगरानी रखना था। 11 दिसंबर 2025 को जारी आदेश में DGCA ने स्पष्ट रूप से कहा कि सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बाद इन सभी को उनके मूल संगठनों में वापस भेजा जा रहा है। साथ ही, इन्हें तत्काल प्रभाव से अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है।

ऑपरेशनल ओवरसाइट में गंभीर लापरवाही

DGCA को आशंका थी कि इंडिगो के सुरक्षा मानकों और संचालन की निगरानी में पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती गई। इसी आधार पर एक विशेष जांच टीम गठित की गई, जिसने इन इंस्पेक्टर्स की कार्यप्रणाली, रिपोर्टिंग पैटर्न और हाल के महीनों के निरीक्षण रिकॉर्ड की समीक्षा की। प्रारंभिक जांच में कई खामियों और निगरानी में चूक की पुष्टि होने के बाद DGCA ने यह सख्त कार्रवाई की।

फ़्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर का क्या होता है काम ? 

फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर (FOI) डीजीसीए के सबसे वरिष्ठ और तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण अधिकारियों में गिने जाते हैं। इनका मुख्य कार्य देश में चलने वाली उड़ानों के संचालन की देखरेख करना और उसकी निरंतर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करना होता है। एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया में FOI की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहती है, क्योंकि एयर परमिट से संबंधित सभी दस्तावेज़ और अनुमतियाँ इन्हीं के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। एयर ऑपरेटरों के संचालन पर नज़र रखना और उनकी नियमित समीक्षा करना भी FOI की ही जिम्मेदारी है।

पायलटों को लाइसेंस जारी करने से पहले जो परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं, उनके प्रश्नपत्र तैयार करने का दायित्व भी FOI को ही सौंपा जाता है। चाहे ग्राउंड इंस्पेक्शन हो या उड़ान के दौरान का निरीक्षण-दोनों ही प्रकार की जाँच का काम यही अधिकारी करते हैं। इसके अलावा, यदि किसी विमान हादसे की घटना होती है, तो FOI एयर सेफ्टी निदेशालय के साथ मिलकर उसकी जांच-पड़ताल में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

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