ट्रंप के ‘टैरिफ वॉर’ के बीच भारत का 'मास्टर स्ट्रोक', PM मोदी का संदेश लेकर मॉस्को पहुंचे विदेश मंत्री 

भारत ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उसकी ऊर्जा खरीद उसके राष्ट्रीय हितों से प्रेरित है, किसी बाहरी दबाव से नहीं।

Aug 20, 2025 - 18:05
Aug 20, 2025 - 18:06
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ट्रंप के ‘टैरिफ वॉर’ के बीच भारत का 'मास्टर स्ट्रोक', PM मोदी का संदेश लेकर मॉस्को पहुंचे विदेश मंत्री 

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आज रूस पहुंचे हैं जहां वह न सिर्फ रूसी उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मुलाकात करेंगे बल्कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात करेंगे। उनका यह दौरा भारत-रूस की गहराती दोस्ती को लेकर भी अहम माना जा रहा है 

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 25% टैरिफ लगाया और फिर रूस से तेल खरीद के चलते अतिरिक्त 25% टैरिफ जोड़कर कुल 50% टैरिफ कर दिया, जो 27 अगस्त 2025 से लागू किया जाएगा। ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि भारत रूस से खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से उसकी युद्ध नीति को मजबूत कर रहा है और इसी वजह से भारत पर यह टैरिफ लगाया गया है।

भारत का मास्टर स्ट्रोक
भारत ने इस आर्थिक दबाव का सामना डिप्लोमैटिक और व्यापारिक चालें चलकर किया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि किसानों, देश के हित और अपनी ऊर्जा जरूरतों से कोई समझौता नहीं होगा। भारत ने रूस से व्यापार बनाए रखा और युद्ध समाप्ति के लिए बातचीत का समर्थन किया। भारत ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उसकी ऊर्जा खरीद उसके राष्ट्रीय हितों से प्रेरित है, किसी बाहरी दबाव से नहीं।

PM मोदी का संदेश लेकर विदेश मंत्री का दौरा
इसी क्रम में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर तीन दिवसीय रूस दौरे पर 19 अगस्त को मॉस्को पहुंचे। यह दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है जब अमेरिका-ट्रंप की टैरिफ नीति भारत पर लागू होने वाली है। जयशंकर रूसी विदेश मंत्री से मिलेंगे, व्यापार फोरम को संबोधित करेंगे और दोनों देशों के द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों (खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध और ऊर्जा सहयोग) पर बात करेंगे। माना जा रहा है कि उनका यह दौरा मोदी का रूसी राष्ट्रपति पुतिन तक कूटनीतिक संदेश भी पहुंचाता है कि भारत बाहरी दबाव में नहीं आएगा, और रूस-भारत संबंध और ऊर्जा साझेदारी को मजबूती देगा।

रूस का समर्थन
रूस ने भी भारत पर अमेरिकी टैरिफ की खुलेआम आलोचना की और स्पष्ट किया कि भारत के साथ उसके संबंध मजबूत हैं, और वह कभी प्रतिबंध नहीं लगाएगा। रूसी राजनयिकों ने कहा कि भारत US दबाव के बावजूद रूस से तेल खरीदता रहेगा क्योंकि यह उसके राष्ट्रीय हित में है।

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