भारत को मिली 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद बनेगा खेल महाकुंभ का केंद्र
यह होस्टिंग भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स के 100 साल भी पूरे होंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स दो दशक बाद भारत लौट रहे हैं। पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में नई दिल्ली में हुए थे।
भारत के लिए खेल-इतिहास का एक सुनहरा पल है, स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हुई मीटिंग में 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स के होस्ट का ऐलान कर दिया गया है। भारत के अहमदाबाद को होस्ट चुना गया है। यह होस्टिंग भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स के 100 साल भी पूरे होंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स दो दशक बाद भारत लौट रहे हैं। पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में नई दिल्ली में हुए थे।
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74 सदस्य देशों व क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भारत की बोली को मंज़ूरी दी। इस प्रकार अहमदाबाद 2030 CWG की आधिकारिक होस्ट सिटी बन गया।
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इस निर्णय के बाद असेंबली हॉल में भारतीय संस्कृति की झलक - गरबा नर्तकाओं और ढोलवादकों के रंगीन स्वागत से - मौजूद प्रतिनिधियों व दुनिया भर के लिए इस आयोजन का सांस्कृतिक स्तर तय कर दिया गया।
अहमदाबाद को क्यो चुना? क्या था खास
भारत की बिड में अहमदाबाद को प्रमुख होस्ट सिटी के रूप में प्रस्तावित करने के पीछे कई ठोस कारण थे:
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अहमदाबाद में पहले से मौजूद स्पोर्ट्स अवसंरचना, साथ ही नए और आधुनिक स्टेडियम, एथलीट विलेज, आवास, परिवहन व लॉजिस्टिक सुविधाओं का विजन।
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बिड में “सस्टेनेबिलिटी, समावेशिता, समान अवसर, पैरास्पोर्ट्स, लैंगिक समानता और दीर्घकालिक विरासत (legacy)” जैसे आधुनिक और प्रगतिशील तत्वों को शामिल किया गया - जिससे खेल महाकुंभ सिर्फ एक आयोजन न रह कर भविष्य की नींव बने।
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भारत की खेल प्रतिभा, युवा-शक्ति और बढ़ती अंतरराष्ट्रीय खेल भागीदारी ने भरोसा दिलाया कि 2030 का CWG सफल व प्रभावशाली होगा।
भारत में खेलों की वापसी
2030 CWG के साथ भारत 20 साल बाद फिर से कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स का महाकुंभ आयोजित कर रहा है - पिछली बार 2010 में New Delhi (नई दिल्ली) में खेल हुए थे।
इस फैसले से भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी खेल आयोजन क्षमता, इंफ्रा व वर्कफोर्स विकास, और खेल संस्कृति को मजबूती से स्थापित किया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, रोज़गार और विकास
2030 CWG के लिए अहमदाबाद-गुजरात में स्टेडियम, आवासीय परिसरों, परिवहन व लॉजिस्टिक, होटलों व सुविधाओं के व्यापक विकास की योजना बन रही है, जिससे हजारों नौकरियाँ, पर्यटन व निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
चुनौतियाँ व जिम्मेदारियाँ
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2030 तक समय कम है - नए व आधुनिक स्टेडियम, एथलीट विलेज, यातायात व लॉजिस्टिक सुविधाओं का निर्माण समय पर करना होगा।
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2010 के अनुभव (नियोजन, तापन, लॉजिस्टिक, बजट आदि) को ध्यान में रखते हुए - पारदर्शिता, जवाबदेही व व्यावसायिक योजना बनानी होगी ताकि किसी भी तरह की आलोचना या समस्या न हो।
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खेलों के बाद दीर्घकालिक उपयोग (legacy) सुनिश्चित करना - ताकि बनाए गए इंफ्रा व संसाधन सिर्फ इन Games तक सीमित न रहें, बल्कि भविष्य में भी उपयोगी साबित हों।
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