ISIS ने अमेरिकी सेना और नागरिकों पर किया हमला, ट्रंप ने दिया जवाब
मध्य सीरिया के पल्मायरा शहर में शनिवार को ISIS के एक आत्मघाती हमलावर ने अमेरिकी सैनिकों पर हमला कर दिया।
मध्य सीरिया के पल्मायरा शहर में शनिवार को ISIS के एक आत्मघाती हमलावर ने अमेरिकी सैनिकों पर हमला कर दिया। हमले में 2 अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी नागरिक की मौत हो गई, जबकि तीन और सैनिक घायल हुए हैं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड CENTCOM के मुताबिक, यह हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिकी सैनिक ISIS विरोधी अभियान से जुड़ी एक बैठक में शामिल थे।
सीरियाई बलों के जवान भी हुए घायल
जानकारी के अनुसार, धमाके में कुछ सीरियाई सुरक्षा कर्मी भी घायल हुए। सभी घायलों को हेलिकॉप्टर के जरिए अल-तनफ स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर पहुंचाया गया। यह हमला बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद पहली बार अमेरिकी बलों पर हुआ है।
“यह अमेरिका और सीरिया दोनों पर हमला”- ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा “यह ISIS का न केवल अमेरिका पर, बल्कि सीरिया पर भी हमला है। इसके लिए कठोर बदला लिया जाएगा।” ट्रम्प ने बताया कि सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने भी घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि घायल सैनिकों की हालत अब स्थिर है।
अमेरिका के 1,000 सैनिक तैनात
अमेरिका ने 2014 से सीरिया में सैनिक तैनात कर रखे हैं। 2025 तक इनकी संख्या घटाकर 2,000 से 1,000 कर दी गई है, जो मुख्य रूप से पूर्वी और उत्तर-पूर्वी सीरिया में तैनात हैं। ये सैनिक ISIS ठिकानों पर हमले, स्थानीय बलों को प्रशिक्षण और सुरक्षा अभियानों में सहयोग देते हैं।
कौन हैं अहमद अल-शरा ?
अल-शरा पहले अल-कायदा से जुड़ा आतंकी नेता रहा है, जो 2003 में चरमपंथ की ओर मुड़ा। उसने बाद में जबात अल-नुस्रा और फिर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) की स्थापना की। असद शासन के पतन के बाद दिसंबर 2024 में उसने सत्ता संभाली। बाद में पता चला कि “अल-जुलानी” नाम से चर्चित वही व्यक्ति अहमद अल-शरा है। असद शासन गिरने के बाद पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद रूस भाग गए। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें और उनके परिवार को राजनीतिक शरण दी थी। उनके जाने के बाद नागरिकों ने राष्ट्रपति भवन में लूटपाट और तोड़फोड़ की थी।
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