Haryana Election 2024 : चुनाव जीतने के लिए BJP ने क्या रणनीति बनाईं? क्या एंटी इनकंबेंसी-गुटबाजी बढ़ा रही पार्टियों की टेंशन 

हरियाणा चुनाव में एंटी इनकंबेंसी-गुटबाजी BJP और कांग्रेस के लिए टेंशन बनीं हुईं है। हरियाणा में BJP भले ही 10 साल की एंटी इनकंबेंसी से जूझ रही हो लेकिन कांग्रेस के लिए भी रास्ता आसान नहीं है।

Aug 24, 2024 - 15:40
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Haryana Election 2024 : चुनाव जीतने के लिए BJP ने क्या रणनीति बनाईं? क्या एंटी इनकंबेंसी-गुटबाजी बढ़ा रही पार्टियों की टेंशन 

हरियाणा चुनाव में एंटी इनकंबेंसी-गुटबाजी BJP और कांग्रेस के लिए टेंशन बनीं हुईं है। हरियाणा में BJP भले ही 10 साल की एंटी इनकंबेंसी से जूझ रही हो लेकिन कांग्रेस के लिए भी रास्ता आसान नहीं है। इसके संकेत मई महीने में हुए 10 लोकसभा सीट पर चुनाव के वोट परसेंट से मिलता है। जिसके बारे में कांग्रेस और भाजपा की टिकट बांटने की मीटिंगों में भी हो रहा है। जिसमें वोट परसेंट को लेकर भी पार्टियां चुनावी रणनीति से जोड़कर चल रही हैं। अगर लोकसभा रिजल्ट के लिहाज से देखें तो 10 साल सरकार चलाने के बावजूद भाजपा मुकाबले से बाहर नहीं है। भाजपा का वोट परसेंट कांग्रेस से ज्यादा है। 

वहीं, कांग्रेस में हाईकमान ने टिकट बंटवारे की कमान अपने हाथ में ले ली है। 90 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस हाईकमान ने अपनी कमेटियां भेज दी हैं। वहीं भाजपा ने भी सीट टू सीट मार्किंग से चुनाव जीतने की प्लानिंग कर ली है। सबसे पहले लोकसभा चुनाव से मिले 3 बड़े संकेत में बात करते हैं 2019 में भाजपा ने हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं। 2024 में भाजपा सिर्फ 5 ही जीत सकी। हालांकि भाजपा को 46.11% वोट मिले। इसके उलट कांग्रेस ने भी 5 ही सीटें जीतीं। मगर उन्हें 43.67% वोट मिले। अगर 10 लोकसभा सीटों के नतीजे को विधानसभा वाइज देखें तो 90 में से 44 सीटों पर भाजपा की बढ़त रही है । कांग्रेस को 42 सीटों पर बढ़त मिली। 4 सीटों पर आम आदमी पार्टी आगे रही। 

रुझान कांग्रेस के पक्ष में

लोकसभा रिजल्ट के लिहाज से वोटरों का रुझान कांग्रेस के पक्ष में नजर आता है। इसकी वजह ये है कि 2019 के मुकाबले 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 15.16% वोट ज्यादा मिले। हालांकि गुटबाजी कांग्रेस की बड़ी चिंता है।अपने समर्थक ज्यादा विधायक जिता सरकार बनने की सूरत में सीएम कुर्सी पर मजबूत दावे के लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, सिरसा सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है।

क्या है बीजेपी की रणनीति

आइए अब जानते कि चुनाव जीतने के लिए BJP ने क्या क्या रणनीति बदली है ? भाजपा अमूमन किसी एक चेहरे पर चुनाव लड़ती है। हरियाणा में इस बार ऐसा नहीं है। इसके उलट भाजपा सीट टू सीट मार्किंग कर रही है। किस सीट का जातीय गणित क्या है। वहां का डिसाइडिंग फैक्टर क्या है? कौन नाराज है? उसे कैसे मना सकते हैं?कौन उम्मीदवार यहां जिताऊ होगा। इन सब पर प्रदेश चुनाव समिति की मीटिंग में मंथन किया। तो वहीं भाजपा इस बार बड़े नहीं छोटे वोट बैंक पर फोकस है भाजपा इस बार किसी एक बड़े वोट बैंक पर फोकस नहीं कर रही।

 जाट, पंजाबी और ओबीसी के अलावा बचे छोटे वोट बैंक पर पार्टी की नजर है। उन्हें कैसे खुश कर अपने पक्ष में ला सकते हैं, इसको लेकर रणनीति बना उस पर काम किया जा रहा है। खासकर, उन सीटों पर जहां वे हार-जीत में प्रभावी साबित हो सकते हैं।लोकसभा में भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS से दूरी बनाई है। विधानसभा में RSS अहम भूमिका में है। RSS के ग्राउंड लेवल सर्वे के फीडबैक को टिकट बांटने पूरी तरजीह दी जा रही है। वोटिंग के लिए भी RSS के ग्राउंड वर्कर भाजपा की मदद करेंगे।

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