Haryana Assembly Election 2024 : क्या जाट, दलित फॉर्मूले से हरियाणा का रण जीत पाएगी BJP?
हरियाणा में 30 फीसदी जाट समाज किसी भी पार्टी को चुनाव जिताने और किसी भी सरकार को गिराने की ताकत रखता है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी जाट वोट बैंक को रिझाने की कोशिश कर रही है।
Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा में 30 फीसदी जाट समाज किसी भी पार्टी को चुनाव जिताने और किसी भी सरकार को गिराने की ताकत रखता है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी जाट वोट बैंक को रिझाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के नेता जाट वोट बैंक को अपने पाले में खींचने का प्रयास कर रहे हैं। तो वहीं इस बार भाजपा को कांग्रेस से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को आगे करके कांग्रेस जाट समुदाय का वोट तय मान कर चल रही है। कांग्रेस को जहां जाट, मुस्लिम और दलित के समीकरण पर भरोसा है, वहीं बीजेपी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ज्यादा से ज्यादा समुदाय को लुभाने की तैयारी कर रही है।
जाट समाज को रिझाने में जुटी बीजेपी
बीजेपी हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के मिशन में जुटी है। जाट वोट बैंक को रिझाने के प्रयास में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जाट देशभक्त हैं और प्रदेश में एक अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट देंगे। सीएम सैनी ने कहा कि जाट देभभक्त कौम है जो हुड्डा के विकास में नहीं बल्कि हरियाणा और देश के विकास में योगदान देने के पक्षधर हैं।
तो वहीं प्रदेश के जाटों को रिझाने के इरादे से ही भाजपा ने एक सितंबर को जाट बाहुल्य जींद में राज्य स्तरीय रैली रखी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस रैली में आएंगे। उनके अलावा आधा दर्जन केंद्रीय मंत्रियों के इस रैली में शामिल होने की संभावना है। बता दें कि जींद को प्रदेश की राजनीतिक राजधानी कहा जाता है। इसी रैली में कई विधायक अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे।
दलितों पर भी है फोकस
भाजपा की रणनीति की बीत करे तो पार्टी राज्य में जीत हार में अहम भूमिका निभाने वाले अन्य समुदायों पर भी फोकस कर रही है। जाट के बाद हरियाणा में सबसे बड़ी जनसंख्या अनुसूचित जाति की है। इनकी तादाद 21 फीसदी के लगभग है। पार्टी को अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं के सहारे दलितों का वोट मिलने की उम्मीद है। बीजेपी की रणनीति यह है कि अभय चौटाला और मायावती और दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर के दोनों गठबंधनों पर ज्यादा से ज्यादा हमला बोल कर दलित और जाट वोट बैंक में बंटवारा किया जाए।
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