गोवा में नाइट क्लब के मालिक देश से फरार, आखिर 25 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?
गोवा के अर्पोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में शनिवार देर रात लगी भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 20 कर्मचारी, 4 पर्यटक और एक परिवार के तीन सदस्य शामिल थे।
गोवा के अर्पोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में शनिवार देर रात लगी भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 20 कर्मचारी, 4 पर्यटक और एक परिवार के तीन सदस्य शामिल थे। पुलिस जांच में पता चला है कि क्लब के मालिक और मुख्य आरोपी सौरभ व गौरव लूथरा हादसे की अगली सुबह ही देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए।
हादसे के बाद मालिक हुए फरार
सूत्रों के मुताबिक, लूथरा भाइयों ने हादसे के बाद से ही फरार होने की योजना बना रखी थी। रविवार सुबह 5:30 बजे दोनों ने दिल्ली एयरपोर्ट से इंडिगो की फ्लाइट पकड़कर थाईलैंड के फुकेट के लिए उड़ान भरी। जबकि गोवा पुलिस ने FIR दर्ज कर शाम तक लुकआउट नोटिस जारी किया। जब तक नोटिस जारी हुआ, आरोपी देश छोड़ चुके थे।
नाइटक्लब में सुरक्षा के सभी नियमों की अनदेखी
जांच में सामने आया कि बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब पूरी तरह अवैध तरीके से संचालित हो रहा था। इसके पास फायर सेफ्टी क्लियरेंस नहीं था, फायर अलार्म और स्प्रिंकलर सिस्टम थे। इसके साथ ही, धुएं की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी, क्लब की एंट्री और एग्जिट गेट बेहद संकरे थे। वेंटिलेशन की कमी और शॉर्ट सर्किट से आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरा हॉल धुएं से भर गया। ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई, केवल तीन की मौत आग की लपटों में झुलसने से हुई।
बेसमेंट में मौत का जाल
लोगों के अनुसार, जब आग फैली तो घबराए लोग बचने के लिए बेसमेंट की ओर भागे, जबकि वहां पहले से ही दर्जनों लोग मौजूद थे। नतीजा, बेसमेंट में इतनी भीड़ हो गई कि लोग एक-दूसरे पर गिर गए, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई।
पहले भी मिला था ध्वस्तीकरण आदेश
जांच में यह भी सामने आया है कि इस नाइटक्लब को पिछले साल अवैध निर्माण के कारण तोड़ने का आदेश दिया गया था, लेकिन मालिकों ने अपील दायर कर कार्रवाई रुकवा दी थी। इसके बाद यह क्लब बिना अनुमति के चलता रहा।
CM प्रमोद सावंत बोले “दम घुटने से ज्यादातर मौतें”
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि हादसे में 25 में से ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई, जबकि तीन की मौत जलने से। उन्होंने कहा कि धुआं इतना घना था कि लोग कुछ देख भी नहीं पा रहे थे।
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