ट्रंप-जेलेंस्की मुलाकात के बाद यूक्रेन युद्ध खत्म होने की उम्मीदें तेज, लेकिन डोनबास बना सबसे बड़ा रोड़ा
यह बैठक अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित ट्रंप के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच करीब तीन घंटे तक बंद कमरे में गहन बातचीत हुई। इसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों ने दावा किया कि युद्ध खत्म करने के समझौते के बेहद करीब पहुंच चुके हैं, हालांकि कुछ अहम मुद्दे अब भी उलझे हुए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच रविवार को हुई अहम मुलाकात के बाद यूक्रेन युद्ध को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं। यह बैठक अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित ट्रंप के मार-ए-लागो रिसॉर्ट में हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच करीब तीन घंटे तक बंद कमरे में गहन बातचीत हुई। इसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों ने दावा किया कि युद्ध खत्म करने के समझौते के बेहद करीब पहुंच चुके हैं, हालांकि कुछ अहम मुद्दे अब भी उलझे हुए हैं।
बातचीत को लेकर क्या बोले ट्रंप और जेलेंस्की
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि आने वाले कुछ ही हफ्तों में यह साफ हो जाएगा कि शांति वार्ता सफल होगी या नहीं। उन्होंने कहा कि बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और दोनों पक्षों के बीच भरोसा बढ़ा है। वहीं, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस बैठक को सकारात्मक बताते हुए कहा कि शांति के ढांचे पर अहम सहमति बन चुकी है। उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी को लेकर ठोस सहमति बनी है।
सुरक्षा गारंटी पर 95 फीसदी सहमति
सुरक्षा गारंटी को लेकर दोनों नेताओं ने बड़ा बयान दिया। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर पूरी सहमति बन चुकी है। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर करीब 95 फीसदी सहमति हो चुकी है। ट्रंप के अनुसार, यूरोपीय देश सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी भूमिका निभाएंगे, जबकि अमेरिका उनका समर्थन करेगा। दोनों नेताओं ने माना कि मजबूत सुरक्षा गारंटी के बिना स्थायी शांति संभव नहीं है।
डोनबास बना सबसे बड़ा विवाद
हालांकि, सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई है। दोनों नेताओं ने माना कि डोनबास क्षेत्र को लेकर बातचीत अब भी अटकी हुई है। रूस चाहता है कि यूक्रेन अपनी सेना को डोनबास से पूरी तरह हटा ले।
यूक्रेन इसके लिए फिलहाल तैयार नहीं है।
ट्रंप ने कहा कि यह एक बेहद कठिन मुद्दा है, लेकिन इस पर बातचीत जारी है। जेलेंस्की ने साफ किया कि यूक्रेन जिस इलाके पर नियंत्रण रखता है, उसे छोड़ने का फैसला जनता की सहमति से ही हो सकता है, और इसके लिए जनमत संग्रह का विकल्प खुला है।
बैठक से पहले ट्रंप-पुतिन की फोन पर बातचीत
इस अहम मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच भी फोन पर बातचीत हुई थी। ट्रंप ने बातचीत को उपयोगी बताया। क्रेमलिन ने इसे दोस्ताना चर्चा करार दिया। रूस की ओर से कहा गया कि यूरोप और यूक्रेन द्वारा प्रस्तावित 60 दिन का युद्धविराम युद्ध को लंबा कर सकता है। रूस ने डोनबास पर जल्द फैसले की मांग की और आर्थिक व सुरक्षा मुद्दों पर काम करने के लिए संयुक्त कार्य समूह बनाने पर सहमति की बात कही।
बातचीत के दौरान यूक्रेन पर हमले जारी
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब रूस ने कीव और अन्य यूक्रेनी इलाकों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इन हमलों से कीव में बिजली और हीटिंग व्यवस्था प्रभावित हुई। जेलेंस्की ने इन हमलों को शांति प्रयासों पर दबाव बनाने की कोशिश बताया, जबकि ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि पुतिन और जेलेंस्की दोनों ही शांति को लेकर गंभीर हैं।
जापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी चर्चा
बातचीत में जापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट का मुद्दा भी उठा। अमेरिका ने इस पर साझा नियंत्रण का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही वहां बिजली लाइनों की मरम्मत का काम भी शुरू हो चुका है। अमेरिका और यूक्रेन के बीच 20 बिंदुओं की शांति योजना पर भी चर्चा हुई, जिसमें करीब 90 फीसदी मुद्दों पर सहमति बनने का दावा किया गया है।
क्या यूक्रेन जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर उनके यूक्रेन जाने से युद्ध खत्म होता है तो वह यूक्रेन जाने और संसद को संबोधित करने के लिए भी तैयार हैं। हालांकि उन्होंने फिलहाल इसे जरूरी नहीं बताया। जेलेंस्की ने ट्रंप को औपचारिक रूप से यूक्रेन आने का न्योता दिया है।
यूरोप की बढ़ती भूमिका
इस पूरी शांति प्रक्रिया में यूरोपीय देशों की भूमिका भी लगातार बढ़ रही है। जेलेंस्की ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की है और आगे यूरोपीय नेताओं के साथ संयुक्त कॉल की योजना बनाई जा रही है।
कुल मिलाकर, ट्रंप और जेलेंस्की की इस मुलाकात ने यूक्रेन युद्ध खत्म होने की उम्मीदों को जरूर मजबूत किया है, लेकिन डोनबास जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सहमति बनना अब भी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।
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