ऑनलाइन गेमिंग एप पर ED ने कसा शिकंजा, 25 करोड़ रुपए किए फ्रीज... 400 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा
फिविन ऐप का संचालन चीनी नागरिक कर रहे थे, जो इसे भारतीय नागरिकों की मदद से चलाते थे। ऐप के जरिए लोगों से जमा कराए गए पैसे को "रिचार्ज करने वाले" के खातों में डाला जाता था, जो इसे क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन भेज देता था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप फिविन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 25 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी है। इस ऐप के जरिए 400 करोड़ रुपये की ठगी की गई है, जिसका पैसा चीन भेजा गया। ईडी की जांच में पता चला है कि चीनी नागरिकों ने इस ऐप का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में किया।
कैसे हुआ घोटाला?
फिविन ऐप का संचालन चीनी नागरिक कर रहे थे, जो इसे भारतीय नागरिकों की मदद से चलाते थे। ऐप के जरिए लोगों से जमा कराए गए पैसे को "रिचार्ज करने वाले" के खातों में डाला जाता था, जो इसे क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन भेज देता था। इस काम में ओडिशा के अरुण साहू और आलोक साहू जैसे लोग शामिल थे, जो इस ऐप के लिए बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।
क्रिप्टो करेंसी और मनी लॉन्ड्रिंग का जाल
ईडी की जांच में पता चला है कि पटना के एक इंजीनियर चेतन प्रकाश ने इस मनी लॉन्ड्रिंग के काम में मदद की। जमा कराए गए पैसे को क्रिप्टो करेंसी (यूएसडीटी) में बदलने में उसकी अहम भूमिका थी। इस घोटाले में जोसेफ स्टालिन नामक एक अन्य व्यक्ति ने भी हिस्सा लिया, जिसने चीनी नागरिक पाई पेंग्युन को अपनी कंपनी का सह-निदेशक बनने में मदद की।
घोटाले का तरीका क्या था?
पाई पेंग्युन और जोसेफ स्टालिन ने लोगों का भरोसा जीता और उन्हें ऐप पर बड़ा दांव लगाने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद ऐप से जुड़े पैसे को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीन के बिनेंस वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया गया। ईडी की जांच में पता चला कि चीनी नागरिकों के नाम पर चलाए जा रहे 8 बिनेंस वॉलेट में इस तरह से करीब 400 करोड़ रुपये भेजे गए।
25 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज
ईडी ने इस मामले में अब तक 25 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की है और चार लोगों अरुण साहू, आलोक साहू, चेतन प्रकाश और जोसेफ स्टालिन को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी टेलीग्राम के जरिए चीनी नागरिकों से संपर्क में रहे और इस धोखाधड़ी में सक्रिय भूमिका निभाई।
What's Your Reaction?