ई रिक्शा वाले की बेटी बनी SDM, पापा की गाड़ी में सड़क पर घूमीं आयशा
मध्य प्रदेश पीएससी में 12वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कमिश्नर बन गये। उन्होंने अपनी किताब का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। बेटी की किताब से घर में खुशी का माहौल है। लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
सच्चा लगन और मेहनत से काम किया जाए तो हर मुश्किल आसान हो जाता है। इसे रीवा की एक ई-ग्राफी वाले की बेटी ने सच कर दिखाया। उन्होंने बहुत मेहनत की, वे मध्य प्रदेश पीएससी में 12वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कमिश्नर बन गये। उन्होंने अपनी किताब का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। बेटी की किताब से घर में खुशी का माहौल है। लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।
असल रीवा की बेटी आयशा अख्तर ने अपनी मेहनत और लगन से अपना और अपने माता-पिता का सपना पूरा किया। आयशा ने बताया कि उनके पिता सुबह-सुबह वॉक के लिए पुलिस लाइन कॉलोनी गए थे। उस क्षेत्र में सभी अधिकारियों और आवासों के आवास हैं, अनुपातिक नेम प्लेट पर नियुक्त, उपनिहित पद पर उनके लिखित पद होते हैं। पापा जब घर आएं तो कहना कि काश हमारे घर में भी कोई ऐसा हो, जिसका नाम पैड के साथ लिखा हो।
ई रिकार्ड वाले की बेटी
आयशा ने बताया कि उन्होंने अपने पिता की बातें प्रेरणा ली, इसके बाद उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने की ठानी और भी दिखाया। आयशा अपने काम का श्रेय माता-पिता को भी देती है। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2022 का अंतिम परिणाम शनिवार रात घोषित कर दिया। रीवा में ई-पेपर में वाले की बेटी आयशा रिसर्चर डिप्टी स्टूडेंट के पद पर अंकित हैं।
12वीं रैंक की उपलब्धि
आयशा ने प्रदेश में 12वीं रैंक हासिल की है। आयशा ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रीवा के एक निजी स्कूल से पूरी की। इसके बाद 12वीं तक की शिक्षा मस्जिद कुमारी कन्या स्कूल से की। फिर से कॉलेज की शिक्षा, आदर्श कॉलेज की। उनके पिता ने खूब मेहनत कर बेटी को पढ़ाई-लिखाई और यहां तक छोड़ दिया। खास बात ये है कि आयशा ने कोचिंग की किसी भी तरह की मदद नहीं ली और खुद से पढ़ाई कर यहीं हासिल की। आयशा अपनी पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को भी टिकट देती थी।
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