दिल्ली की अदालत ने इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
न्यायाधीश ने 20 अगस्त को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को एक नोटिस जारी किया था और उसे याचिका पर 28 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में जेल में बंद लोकसभा सांसद रशीद इंजीनियर की जमानत याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और वह चार सितंबर को आदेश सुना सकती है। इंजीनियर रशीद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल रशीद ने मामले में नियमित जमानत देने का अनुरोध करते हुए अदालत में याचिका दायर की है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान याचिका पर दलीलें सुनीं और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
न्यायाधीश ने 20 अगस्त को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को एक नोटिस जारी किया था और उसे याचिका पर 28 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने तिहाड़ जेल में बंद रशीद को सांसद के तौर पर शपथ लेने के लिए पांच जुलाई को पैरोल दी थी। रशीद ने जम्मू कश्मीर में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता है।
रशीद 2017 में आतंकवाद के वित्त पोषण मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से जेल में हैं।रशीद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था। वटाली को एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी संगठनों और अलगाववादियों का कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
सुनवाई अदालत ने मलिक को 2022 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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