Delhi Blast : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में NIA की छापेमारी, दो संदिग्ध हुए गिरफ्तार
दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। NIA की एक टीम ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के मट्टन वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छापेमारी की।
दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए विस्फोट की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। NIA की एक टीम ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के मट्टन वन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छापेमारी की। यह कार्रवाई पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल CRPF की मदद से की गई। अधिकारियों के अनुसार, जांच एजेंसी ने इस दौरान ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल से जुड़े दो आरोपियों डॉ. अदील राठेर और जसीर बिलाल वानी को भी अपने साथ रखा। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में जंगल के कुछ ठिकानों का खुलासा किया था, जिसके आधार पर NIA ने यह तलाशी अभियान चलाया।
10 नवंबर को हुआ था धमाका
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर की शाम 6:52 बजे एक Hyundai i20 कार में जबरदस्त विस्फोट हुआ था। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। 15 लोगों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। शुरुआती जांच में यह मामला आतंकी हमले के जैसा लगा। दिल्ली पुलिस और NIA की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और क्षेत्र को सील कर फोरेंसिक जांच शुरू की।
आमिर था कार का मालिक
NIA की जांच में यह खुलासा हुआ कि विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार आमिर नामक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड थी। एजेंसी के मुताबिक, आमिर ने न केवल इस साजिश में आत्मघाती हमलावर के साथ सक्रिय भूमिका निभाई, बल्कि धमाके की योजना और तैयारी में भी शामिल था। NIA ने दिल्ली पुलिस से केस अपने हाथ में लेने के बाद कई राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया और आखिरकार आमिर को दिल्ली से गिरफ्तार किया।
कई राज्यों में चल रही छापेमारी
NIA अब इस पूरे आतंकी नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में लगातार छापेमारी कर रही है। एजेंसी को शक है कि इस माड्यूल के तार कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार तक फैले हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इस मॉड्यूल को बाहर से फंडिंग मिल रही थी और इसे ‘सफेदपोश’ आतंकियों यानी आर्थिक और बौद्धिक सहायता देने वाले लोगों का समर्थन प्राप्त था। NIA अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं। एजेंसी का मानना है कि लाल किला ब्लास्ट केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि दिल्ली को दहशत में डालने की एक संगठित साजिश थी, जिसे समय रहते सुलझाने की कोशिश जारी है।
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