पंजाब में लैंड पूलिंग पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी, किसान अपनी जमीन खुद बेच सकता है- अमन अरोड़ा
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि सरकार की नई लैंड पूलिंग पॉलिसी मुख्य रूप से किसानों के हितों की रक्षा और भू-माफिया से निपटने के लिए बनाई गई है।

पंजाब कैबिनेट की सोमवार को सीएम भगवंत मान की अगुवाई में अहम बैठक हुई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इस दौरान लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि सरकार की नई लैंड पूलिंग पॉलिसी मुख्य रूप से किसानों के हितों की रक्षा और भू-माफिया से निपटने के लिए बनाई गई है।
यह पॉलिसी पूरी तरह से स्वैच्छिक भागीदारी पर आधारित है, जहां किसान अपनी मर्जी से जमीन देने या न देने का फैसला कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी किसान से जबरदस्ती जमीन नहीं ली जाएगी। जमीन देने या न देने का फैसला पूरी तरह से किसान के विवेक पर होगा। जमीन देने वाले किसान को सरकार पूरी तरह से विकसित रिहायशी (1,000 वर्ग गज) और कमर्शियल (200 वर्ग गज) प्लॉट लौटाएगी, जिसमें सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज, पार्क आदि सभी सुविधाएं होंगी।
किसान अपनी पुनः प्राप्त जमीन/प्लॉट को रख सकते हैं, बेच सकते हैं या किराए पर दे सकते हैं। हर डील की लिखित गारंटी होगी, जिसमें किसान का हिस्सा स्पष्ट होगा। यदि कई किसान एकजुट होकर बड़ी मात्रा में भूमि दान करते हैं, तो बदले में उन्हें सामूहिक रूप से विकसित भूमि प्राप्त होगी।
अवैध कॉलोनाइजरों व भू माफिया पर लगेगी लगाम
अरोड़ा ने कहा कि इस नीति से अवैध कॉलोनियों और भू-माफियाओं द्वारा की जा रही धोखाधड़ी और लूट पर रोक लगेगी। आपको बता दें कि कुछ किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने भी इस नीति का विरोध किया है, क्योंकि उन्हें डर है कि शहरीकरण के लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण से पंजाब की कृषि और किसानी की पहचान को नुकसान पहुंच सकता है।
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