महाकुंभ में 12 बजे तक 1.60 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
इसी सुरक्षा के चलते इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे हैं, नागा साधु भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।
प्रयागराज में महाकुंभ का आज दूसरा दिन है, अमृत स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, इस समय अखाड़ा मार्ग पर पुलिस कर्मियों की जबरदस्त तैनाती है, पीएसी, घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बल लगातार गश्त कर रहे हैं। इसी सुरक्षा के चलते इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे हैं, नागा साधु भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।
महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो चुका है और 26 फरवरी तक चलेगा, यह महाकुंभ 144 साल बाद आया है और इसे बेहद खास माना जा रहा है, महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति को किया जाएगा। DGP प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ 2025 आज से शुरू हो गया है, करीब 1 करोड़ लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, इस बार यह आस्था और आधुनिकता का संगम है, हमने पारंपरिक पुलिस व्यवस्था से हटकर श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्था दी है, इस बार कुंभ को भव्य, दिव्य, डिजिटल और सुरक्षित बनाने के लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। "
महाकुंभ स्नान के बाद किन चीजों का दान किया जाता है?
महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद कुछ चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। महाकुंभ में स्नान करने के बाद अन्न, वस्त्र, धन, तिल और गुड़ का दान करना चाहिए। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से देवी-देवताओं के साथ-साथ पितर भी प्रसन्न होते हैं।
महाकुंभ का आयोजन कब होता है?
महाकुंभ का आयोजन ज्योतिषीय गणना के अनुसार किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार महाकुंभ का आयोजन तब होता है जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होता है। गुरु 12 साल बाद वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं और उनकी नौवीं दृष्टि मकर राशि में बैठे सूर्य पर होती है। ग्रहों का यह संयोग बेहद शुभ माना जाता है और इसी दौरान कुंभ का आयोजन किया जाता है।
What's Your Reaction?