निर्दलीयों के भाजपा में शामिल होने के खिलाफ गुस्से के चलते कांग्रेस को जीत में मदद मिली:प्रतिभा सिंह

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के खिलाफ मतदाताओं में गुस्सा था और देहरा तथा नालागढ़ उपचुनाव में उनकी पार्टी की जीत की यही वजह है।

Jul 13, 2024 - 17:46
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निर्दलीयों के भाजपा में शामिल होने के खिलाफ गुस्से के चलते कांग्रेस को जीत में मदद मिली:प्रतिभा सिंह
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हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के खिलाफ मतदाताओं में गुस्सा था और देहरा तथा नालागढ़ उपचुनाव में उनकी पार्टी की जीत की यही वजह है।

सिंह ने कहा, ‘‘हमें उपचुनाव जीतने का पूरा भरोसा था, क्योंकि निर्दलीय विधायकों के इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद मतदाताओं में उनके प्रति गुस्सा साफ झलक रहा था। आम जनता पूछ रही थी कि जब मतदाताओं ने उन्हें चुनकर कांग्रेस और भाजपा दोनों को हराया था, तो उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया।"

उन्होंने कहा कि इन सीट पर अच्छे उम्मीदवारों को उतारने से भी पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका रही।

कांग्रेस ने शनिवार को पहली बार देहरा विधानसभा सीट जीती, जहां उसकी उम्मीदवार कमलेश ठाकुर ने जीत दर्ज की। कमलेश ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी हैं।

उन्होंने भाजपा उम्मीदवार होशियार सिंह को 9,399 मतों से हराया। नालागढ़ में कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा ने भाजपा के के. एल. ठाकुर को 25,618 मतों से हराया।

भाजपा ने हमीरपुर सीट जीती, जहां उसके उम्मीदवार आशीष शर्मा को 27,041 मत मिले, जबकि कांग्रेस के पुष्पिंदर वर्मा को 25,470 मत मिले।

तीनों विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव बुधवार को हुए थे।

सिंह ने कहा, "देश भर में 13 सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुए हैं और अधिकांश सीट पर ‘इंडी’ गठबंधन आगे चल रहा है, जिसमें भाजपा-शासित उत्तराखंड की दो सीट भी शामिल हैं, जो इस बात का संकेत है कि लोगों का झुकाव कांग्रेस की ओर है।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' से बदलाव आया, क्योंकि उन्होंने लोगों की भावनाओं को समझने की कोशिश करके उनसे संपर्क स्थापित किया।

सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन लगातार दो चुनाव जीतने के बावजूद उन्हें पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसलिए लोगों को यकीन हो गया कि कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है, जो उनकी समस्याओं का समाधान कर सकती है।

तीन विधानसभा सीट तीन निर्दलीय विधायकों - सिंह (देहरा), शर्मा (हमीरपुर) और के एल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को राज्य विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी। तीनों अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए थे। इन तीनों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था।

हालांकि, उनके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने तीन जून को स्वीकार किये और तीनों सीट को रिक्त घोषित किया, जिससे उपचुनाव की जरूरत पड़ी।

भाजपा ने तीनों पूर्व विधायकों को उनकी संबंधित सीट से मैदान में उतारा।

कांग्रेस ने देहरा से कमलेश ठाकुर को टिकट दिया, जबकि हमीरपुर से अपने उम्मीदवार पुष्पिंदर वर्मा को फिर से मैदान में उतारा तथा इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के पांच बार अध्यक्ष रहे हरदीप सिंह बावा को नालागढ़ से टिकट दिया।

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