Delhi एनसीआर में वायु प्रदूषण चरम पर: ‘खतरनाक’ AQI ने बढ़ाई चिंता
प्रदूषण का यह स्तर न केवल बीमारियों को बढ़ा रहा है, बल्कि सामान्य स्वस्थ लोगों के लिए भी जोखिम पैदा कर रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों ने प्रशासन और नागरिकों दोनों को अलर्ट कर दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण ने बुधवार सुबह हालात बेहद गंभीर बना दिए। कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘खतरनाक’ और ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंच गया है। प्रदूषण का यह स्तर न केवल बीमारियों को बढ़ा रहा है, बल्कि सामान्य स्वस्थ लोगों के लिए भी जोखिम पैदा कर रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों ने प्रशासन और नागरिकों दोनों को अलर्ट कर दिया है।
एनसीआर के शहरों में AQI की भयावह स्थिति
बुधवार को मिले AQI आंकड़ों के अनुसार:
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ग्रेटर नोएडा: 414 (खतरनाक)
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नोएडा: 409 (खतरनाक)
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गाजियाबाद: 395 (खतरनाक)
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दिल्ली: 389 (गंभीर)
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लखनऊ: 362 (गंभीर)
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चंडीगढ़: 306 (गंभीर)
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मेरठ: 297 (गंभीर)
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देहरादून: 155 (खराब)
दिल्ली का औसत AQI 389 रहा, जो ‘Severe’ श्रेणी में आता है। राजधानी के कई इलाकों में दृश्यता कम हो गई है और हवा में धुंध व हानिकारक कणों की मात्रा लगातार बढ़ रही है।
AQI कितना होने पर होता है ‘खतरनाक’?
CPCB के मानकों के अनुसार:
| AQI रेंज | श्रेणी |
|---|---|
| 0–50 | अच्छा |
| 51–100 | संतोषजनक |
| 101–200 | मध्यम |
| 201–300 | खराब |
| 301–400 | बेहद खराब |
| 401–500 | गंभीर / खतरनाक |
नोएडा व ग्रेटर नोएडा में AQI 400 के पार जाने के बाद हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे महीन कण स्वास्थ्य के लिए तत्काल खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।
क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण?
विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण में भारी वृद्धि कई कारणों से हो रही है:
1. पराली जलाने का असर अभी भी जारी
पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के हिस्सों में पराली जलाने की घटनाएँ अभी थमी नहीं हैं। हवा की दिशा बदलने के कारण इन राज्यों से उठने वाला धुआँ दिल्ली-एनसीआर की ओर बढ़ रहा है।
2. ठंडी हवाओं की कमी और तापमान में गिरावट
तापमान में 2-3 डिग्री की कमी और हवा की गति धीमी होने से प्रदूषक हवा में ऊपर नहीं उठ पाते। परिणामस्वरूप यह जमीन के पास जमा होकर स्मॉग बनाते हैं।
3. वाहन उत्सर्जन
दिल्ली-एनसीआर में रोज़ाना लाखों वाहन सड़कों पर उतरते हैं, जिनसे निकलने वाला धुआँ वायु गुणवत्ता को प्रतिकूल दिशा में धकेल देता है।
4. निर्माण गतिविधियां
नई कॉलोनियाँ, मेट्रो और सड़कों के निर्माण से उठने वाली धूल सर्दियों के मौसम में रुककर भारी प्रदूषण पैदा करती है।
मौसम की भूमिका
दिल्ली में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 9°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.3 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने हल्की धुंध और मध्यम कोहरे का पूर्वानुमान जताया है, जिससे प्रदूषक कण और अधिक सघन हो सकते हैं।
सरकार ने दिया 50% कर्मचारियों को Work From Home
दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र जिलाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और स्थानीय निकायों को सख्त निर्देश दिए हैं कि:
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सभी निजी कार्यालय अपने 50% कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से घर से काम लागू करें।
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पहले यह केवल सलाह थी, लेकिन अब इसे बाध्यकारी बनाया गया है।
- इस कदम का उद्देश्य सड़क पर वाहन कम करके प्रदूषण कम करना है।
स्वास्थ्य पर प्रदूषण का दुष्प्रभाव
डॉक्टरों का कहना है कि AQI 400 से ऊपर होने पर हवा में मौजूद कण सीधे रक्तप्रवाह तक पहुँच सकते हैं। इससे:
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फेफड़ों की क्षमता कम होती है
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दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है
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अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की हालत बिगड़ सकती है
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बच्चों और बुजुर्गों पर गंभीर प्रभाव
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लंबे समय तक संपर्क में रहने से फेफड़ों का कैंसर तक हो सकता है
विशेषज्ञों के अनुसार यह स्तर बेहद खतरनाक है और लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।
विशेषज्ञों की सलाह: कैसे करें खुद की सुरक्षा
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जितना संभव हो घर के अंदर रहें।
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बाहर निकलते समय N95 या KN95 मास्क का उपयोग करें।
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घर में HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
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सुबह की वॉक, जॉगिंग या आउटडोर एक्सरसाइज पूरी तरह बंद कर दें।
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बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को बाहर न निकलने दें।
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वाहन का उपयोग कम करें और कारपूल को प्राथमिकता दें।
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