हरियाणा में वर्षो बाद मंत्रिमंडल में एक साथ शामिल हुए एक दर्जन कैबिनेट मंत्री, पहली बार हुआ ऐसा...जानिए वजह
नायब सिंह सात माह पूर्व 12 मार्च 2024 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे हालांकि गत माह 12 सितम्बर को तत्कालीन 14वीं हरियाणा विधानसभा के समय पूर्व भंग होने के कारण वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री बन गये गये जिस पद से उन्होंने गत दिवस 16 अक्टूबर को ही राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंपा था।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : गुरूवार 17 अक्टूबर को पंचकूला में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केन्द्रीय मंत्रियों और देश के डेढ़ दर्जन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों आदि की उपस्थिति में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नायब सिंह सात माह पूर्व 12 मार्च 2024 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे हालांकि गत माह 12 सितम्बर को तत्कालीन 14वीं हरियाणा विधानसभा के समय पूर्व भंग होने के कारण वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री बन गये गये जिस पद से उन्होंने गत दिवस 16 अक्टूबर को ही राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंपा था।
बहरहाल, ताज़ा तौर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ मंत्रीपद की शपथ लेने वालों में ग्यारह ( 11) कैबिनेट मंत्री नामत: अनिल विज, कृष्ण लाल पंवार, राव नरबीर सिंह, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डा. अरविंद कुमार शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती सिंह राव एवं दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नामतः राजेश नागर और गौरव गौतम शामिल हैं।
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा में गत दो दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य में नवगठित सरकार के पहले शपथ ग्रहण में प्रदेश के लिए अधिकतम निर्धारित 13 मंत्रियों (मुख्यमंत्री को मिलाकर 14) की एक साथ राज्यपाल की ओर से नियुक्ति कर दी गई हो। वर्ष 2004 में देश की संसद द्वारा भारत के संविधान में किये गये 91वें संशोधन के अंतर्गत हर राज्य में मंत्रिपरिषद की संख्या उस प्रदेश की विधानसभा की सदस्य-संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है।
इस प्रकार 90 सदस्ययी हरियाणा विधानसभा में प्रदेश सरकार में अधिकतम 14 मंत्री हो हो सकते हैं। हालांकि गत वर्षो में जब-जब हरियाणा में 14 मंत्री बनाए गये, तब-तब पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें दावा किया गया कि चूँकि 90 का 15 प्रतिशत 13.5 बनता है, इसलिए हरियाणा में अधिकतम 14 नहीं अपितु अधिकतम 13 मंत्री ही बनाये जा सकते हैं। इस पॉइंट पर आज तक हाईकोर्ट द्वारा आज तक कोई आदेश या निर्णय नहीं दिया गया है। संभवत: इस बार भी मुख्यमंत्री सहित 14 सदस्यीय हरियाणा मंत्रिपरिषद की संख्या को उक्त आधार पर हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि हरियाणा की मंत्रिपरिषद में अधिकतम बनाये जाने 14 मंत्रियों में कितने कैबिनेट मंत्री हो सकते हैं और कितने राज्य मंत्री और कितने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इस बारे में कोई विशेष प्रावधान या व्यवस्था प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा नहीं बनाई गई है एवं ऐसा पूर्ण रूप से मुख्यमंत्री के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है कि वह किस श्रेणी के कितने मंत्री बनाये। हालांकि उन्होंने यह अवश्य बताया कि वर्ष 2000 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब हरियाणा सरकार के पहले शपथ-ग्रहण में मुख्यमंत्री सहित 12 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हों।
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