दिल्ली-NCR समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में नजर आया रमजान का चांद, आज पहला रोजा

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दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में शनिवार को रमजान के मुकद्दस (पवित्र) महीने का चांद नजर आ गया. लिहाजा पहला रोजा रविवार को होगा.

चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मोहम्मद मुकर्रम अहमद ने बताया, “दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान समेत कई राज्यों में शनिवार शाम में चांद नजर आ गया है.” उन्होंने कहा कि इस्लामी कलेंडर के नौवें महीने का रमजान का पहला दिन रविवार, तीन अप्रैल यानी आज पहला रोजा होगा.

वहीं, जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने कहा, “मुल्क के अलग अलग शहरों में रमजान का चांद नजर आया है, लिहाज़ा ऐलान किया जाता है कि तीन अप्रैल को पहला रोजा होगा.”

मुस्लिम संगठन इमारत-ए-शरिया-हिंद ने एक बयान में कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में चांद नजर आने की पुष्टि हुई है. संगठन की रूयत-ए-हिलाल समिति (चांद समिति) के सचिव असदुद्दीन कासमी के हवाले से बयान में कहा गया है कि देश में तीन अप्रैल से रमजान के महीने का आगाज हो रहा है. इमारत-ए-शरिया-हिंद, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का हिस्सा है.

रमजान के महीने में मुसलमान रोजा (व्रत) रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ खाते-पीते नहीं हैं. इस बार पहली सहरी (सूरज निकलने से पहले का भोजन) का समय सुबह चार बजकर 48 मिनट पर खत्म होगा और इफ्तार (व्रत खोने का समय) शाम छह बजकर 42 मिनट पर है यानी करीब 14 घंटे का रोज़ा होगा. सूरज निकलने और डूबने के समय में परिवर्तन के साथ इसमें भी बदलाव होता रहेगा.

रमजान में मुस्लिम समुदाय के लोग ‘ईशा’ (पांच वक्त की नमाज में रात में साढ़े आठ बजे होने वाली अंतिम नमाज) के बाद पूरे महीने विशेष नमाज अदा करते हैं, जिसे ‘तरावीह’ कहा जाता है.

इस नमाज में कुरान का पाठ किया जाता है. बीते दो बरस से कोरोना वायरस के चलते लगी पाबंदियों की वजह से धार्मिक स्थल बंद थे और ‘तरावीह’ की विशेष नमाज मस्जिदों में नहीं हो रही थी, हालांकि इस बार कोविड-19 के मामले कम होने के बाद पाबंदियों को हटा लिया गया है.

वहीं, मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा, “इस बार कोविड का खतरा कम होने के बाद मस्जिदें खोल दी गई हैं और ‘तरावीह’ की नमाज़ होगी, लेकिन कोविड का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए एहतियात जरूरी है.”

उन्होंने कहा, “चीन और दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले बढ़े हैं, जिस वजह से वहां पर लॉकडाउन लगा हुआ है. हमारे देश में भले ही खतरा कम हो गया हो, लेकिन लोग एहतियात बरतें और इसको पूरी तरह से खत्म करने की अल्लाह से दुआ मांगें.”