महाकुंभ में 7 हजार करोड़ खर्च और 3.5 लाख करोड़ की कमाई! अनिल राजभर का बड़ा दावा
उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 के आयोजन पर योगी सरकार ने 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े निवेश के बदले राज्य को आखिर क्या फायदा हुआ?

उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 के आयोजन पर योगी सरकार ने 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े निवेश के बदले राज्य को आखिर क्या फायदा हुआ? इस पर योगी सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि इस आयोजन से सरकार को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ और लगभग 60 लाख लोगों को रोजगार मिला। आजमगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा।
महाकुंभ से 3.5 लाख करोड़ की कमाई का दावा
अनिल राजभर ने कहा कि योगी सरकार ने महाकुंभ के माध्यम से राज्य में पर्यटन, परिवहन, होटल और छोटे व्यापारियों के लिए बड़े पैमाने पर अवसर पैदा किए। उनके अनुसार, साढ़े सात हजार करोड़ रुपये के निवेश से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई। इसके अलावा, इस आयोजन से राज्य के लगभग 60 लाख लोगों को रोजगार मिला, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
राजभर ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों को सनातन धर्म की बढ़ती स्वीकार्यता और भारत की आध्यात्मिक शक्ति पच नहीं रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग सरकार पर बेहिसाब खर्च का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह खर्च नहीं बल्कि निवेश था, जिसने राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।
सनातन धर्म और विपक्ष पर सियासी वार
अनिल राजभर ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो चुनावी हिंदू हैं, वे महाकुंभ तक नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा, "जो लोग अंधेरे में डुबकी लगाकर लौट आए, उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है?" उनके अनुसार, महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताकत का प्रतीक था, जिसने पूरी दुनिया में सनातन धर्म की स्वीकार्यता बढ़ाई है।
पीडीए पर तीखा हमला
मंत्री अनिल राजभर ने विपक्ष के पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को लेकर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की बढ़ती शक्ति के आगे विपक्ष का यह फॉर्मूला दम तोड़ता नजर आ रहा है। राजभर ने दावा किया कि 2012 से 2017 के बीच की विधानसभा और वर्तमान विधानसभा के सीटिंग प्लान की तुलना की जाए तो साफ हो जाएगा कि किसकी सरकार में किसे महत्व दिया जाता है।
उन्होंने कहा, "जो लोग कहते हैं कि काशी, अयोध्या और कुंभ में सरकार बेवजह पैसा खर्च कर रही है, उनके पास जनभावनाओं और भारत की परंपरा का सम्मान करने की समझ नहीं है। सरकार सनातन की भावना को आगे बढ़ाने और समृद्ध करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी।"
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