22 साल बाद फिल्मी स्टाइल में पिता की मौत का लिया बदला
इस मामले में सबसे खास बात यह है कि 30 साल के बेटे ने हत्यारे को उसी अंदाज में मारा, जैसे उसने एक बार बेटे के पिता को मारा था। आइए जानते हैं पूरा मामला।
गुजरात में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक बेटे ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए 22 साल तक सही मौके का इंतजार किया। और जैसे ही उसे मौका मिला, उसने अपने पिता के हत्यारों को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में सबसे खास बात यह है कि 30 साल के बेटे ने हत्यारे को उसी अंदाज में मारा, जैसे उसने एक बार बेटे के पिता को मारा था। आइए जानते हैं पूरा मामला।
मामला अहमदाबाद का है
बदले की एक खौफनाक कहानी अहमदाबाद की है। जिसमें पुलिस ने एक 30 साल के शख्स को हत्या के मामले में पकड़ा तो जो खुलासे हुए, उसने पुलिस समेत सभी को चौंका दिया।
जानिए पूरा मामला
50 साल के नखत सिंह भाटी मंगलवार को अपनी साइकिल से जा रहे थे, तभी एक पिकअप ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। नखत सिंह भाटी अहमदाबाद के थलतेज इलाके की एक रिहायशी कॉलोनी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे। शुरुआत में इसे हादसा माना गया। आरोपी गोपाल सिंह भाटी ने नखत को कुचलने के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे कुछ ही दूरी पर पकड़ लिया और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण मौत का मामला दर्ज किया।
मामले की सच्चाई सामने आई
जब पुलिस ने मामले की जांच की तो असली सच्चाई सामने आई। और पता चला कि यह एक हत्या थी। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि 2002 में गोपाल के पिता हरि सिंह भाटी की राजस्थान के जैसलमेर में एक ट्रक ने कुचलकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद नखत और उसके चार भाइयों को हरि की हत्या का दोषी ठहराया गया और सात साल की कैद की सजा सुनाई गई। उस समय गोपाल की उम्र आठ साल थी, जिसके बाद गोपाल ने अपने पिता का बदला लेने के बारे में सोचना शुरू कर दिया। बचपन से ही वह हत्यारों की कहानियां सुनकर बड़ा हुआ था और बदला लेने के लिए सही समय का इंतजार कर रहा था।
हत्यारे की हत्या ठीक उसी समय हुई जब उसके पिता की मौत हुई।
एन डिवीजन ट्रैफिक इंस्पेक्टर एस ए गोहिल ने कहा कि जांच में पता चला है कि गोपाल ने पिछले हफ्ते बनासकांठा के एक गांव से 8 लाख रुपये में एक पिकअप ट्रक खरीदा था। उन्होंने 1.25 लाख रुपये का डाउनपेमेंट किया और बाकी रकम बैंक से लोन पर ली। गोहिल ने कहा, गोपाल के मोबाइल रिकॉर्ड से पता चला है कि वह पिछले हफ्ते नखत के घर अक्सर आता-जाता था, जिससे पता चलता है कि उसने हत्या की योजना बनाने से पहले रेकी की थी।
दोनों गांवों के बीच भयंकर दुश्मनी
गोहिल ने कहा कि दोनों परिवारों और उनके गांवों के बीच दुश्मनी का पुराना इतिहास है। नखत बड़ौदा गांव का था और गोपाल जैसलमेर के अजासर गांव का था। दोनों गांवों के बीच दुश्मनी बहुत गहरी है। गोहिल ने कहा, उन दोनों गांवों के निवासी एक-दूसरे से बात नहीं करते। सुलह के कई प्रयास किए गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। गोहिल ने कहा, गोपाल सिर्फ आठ साल का था जब उसके पिता की हत्या कर दी गई थी। वह अपने पिता के हत्यारों की कहानियां सुनकर बड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि गोपाल को बोदकदेव पुलिस को सौंप दिया जाएगा और उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा।
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