राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा- विकास की गति तय करने में ईमानदारी व मेहनत की अहम भूमिका

 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को युवा नौकरशाहों के एक समूह से कहा कि उनकी सत्यनिष्ठा, कड़ी मेहनत और ईमानदारी लोगों के विकास की गति निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप विभिन्न विभागों में तैनात होते हैं तो आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि आपके कार्यों और निर्णयों का सभी नागरिकों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा।’’

मुर्मू भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) और भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं, जिन्होंने यहां राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आपमें से प्रत्येक व्यक्ति अपने काम में जो सत्यनिष्ठा, कड़ी मेहनत और ईमानदारी दिखाता है, वह हमारे लोगों के विकास की गति निर्धारित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।’’

भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा, ‘‘आपसे सार्वजनिक विश्वास के संरक्षक और वित्तीय विवेक के संरक्षक के रूप में कार्य करने की उम्मीद की जाती है’’ और उन्हें निर्णय लेते और कार्रवाई करते समय हमेशा सच्चाई, पारदर्शिता और निष्पक्षता के मूल्यों का पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी विभागों और संगठनों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की संस्था अत्यंत महत्वपूर्ण है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि ‘‘प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए, कैग कागज रहित ऑडिट की ओर बढ़ रहा है और सभी ऑडिट रिपोर्ट ऑनलाइन मोड में तैयार कर रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि संगठन अपने कामकाज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करने के लिए तैयार हो रहा है। आपको ऐसी संस्था का हिस्सा होने पर गर्व होना चाहिए जिसने वर्षों से शासन प्रणाली में अपनी स्थिति मजबूत की है। यह आप जैसे युवा अधिकारियों का कर्तव्य है कि आप इस समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएं।’’

भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि उन्हें इस सेवा में ‘‘ईमानदारी के उच्चतम मानक’’ लाने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको प्रशासकों, जांचकर्ताओं, वकीलों और नीति निर्माताओं के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की आवश्यकता होगी। आप व्यापार, सीमा शुल्क और संबंधित क्षेत्रों में भारत सरकार की संधियों की बातचीत में भी भाग लेंगे और योगदान देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इन विविध कार्यों को दक्षता के साथ करने के लिए आपको सभी क्षेत्रों में नवीनतम प्रगति के बारे में अपडेट रहना होगा और अन्य सेवाओं और विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना होगा।’’

भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सांख्यिकी या डेटा नीतियों के निर्माण से लेकर कार्यक्रमों और योजनाओं के परिणामों का विश्लेषण करने तक की सभी गतिविधियों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण आधार बनता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों के माध्यम से नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों और नागरिकों को पता चलता है कि देश प्रमुख सामाजिक-आर्थिक मापदंडों पर कैसा प्रदर्शन कर रहा है। यह वह समय है जब दुनिया भारत के विकास और प्रदर्शन को उत्सुकता से देख रही है। अंतरराष्ट्रीय मानकों की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाले डेटा और सटीक जानकारी उत्पन्न करने की आवश्यकता है।’’

मुर्मू ने कहा कि कई माध्यम से जानकारी की बढ़ती उपलब्धता के साथ प्रामाणिक और सटीक आंकड़ों का महत्व कई गुना बढ़ गया है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आधिकारिक आंकड़ों को संकलित करने और सर्वेक्षण कार्यों के प्रबंधन के लिए आपको एआई, बिग डेटा, डेटा विज्ञान और अन्य क्षेत्रों के नवीनतम तरीकों का उपयोग करने की आवश्यकता है।’’

मुर्मू ने कहा कि अधिकारी देश को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की प्रक्रिया में परिवर्तन एजेंट की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा, ‘‘आपको गांधीजी के अंत्योदय सिद्धांत को हमेशा याद रखना चाहिए और अंतिम या सबसे गरीब व्यक्ति के कल्याण के लिए काम करना चाहिए। आपको इस अमृत काल के दौरान नए मानक स्थापित करने होंगे।’’