मोदी ने परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटाने के लिए युवाओं से चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने को कहा

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के मौजूदा युवाओं को 21वीं सदी की सबसे सौभाग्यशाली पीढ़ी बताया, जो अमृत काल के दौरान देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने को तैयार है। साथ ही, उन्होंने परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटाने के लिए उनसे चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने का भी आग्रह किया।

मोदी ने शुक्रवार को यहां तपोवन मैदान में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि परिवारवादी राजनीति ने देश को काफी नुकसान पहुंचाया है और उन्होंने युवाओं से यथाशीघ्र मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं को मादक पदार्थों से दूर रहने को भी कहा।

शुरूआत में, मोदी ने स्वामी विवेकानंद, और छत्रपति शिवाजी महाराज की मां राजमाता जीजाबाई की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है। यदि युवा मतदान कर अपने राजनीतिक विचार प्रकट करेंगे तो देश का भविष्य अच्छा होगा। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में युवाओं की अधिक भागीदारी देश का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करेगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार के मतदाता भारत के लोकतंत्र में नयी ऊर्जा और शक्ति ला सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप सक्रिय राजनीति (और चुनावी प्रक्रिया) में भाग लेते हैं, तो आप परिवारवादी राजनीति का प्रभाव घटा सकेंगे। आप जानते हैं कि परिवारवादी राजनीति ने देश को नुकसान पहुंचाया है।’’

मोदी ने कहा कि ‘अमृत काल’ की 25 वर्ष की अवधि देश को इसकी आजादी के शताब्दी वर्ष में ले जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अवधि युवाओं के लिए ‘कर्तव्य काल’ है जब वे समाज और देश की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इस अमृत काल में…एक नयी दिशा दें और देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाइए। ऐसा काम करें कि अगली सदी में भविष्य की पीढ़ियां आपको याद करे।’’

उन्होंने युवाओं से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं से मां-बहन-बेटियों के नाम अपशब्दों व गालियों का इस्तेमाल करने के चलन के खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की।