कोविड-19 की तीसरी लहर में दूसरी लहर की तुलना में काफी कम मौतें हुई : सरकार

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कोविड-19 की तीसरी लहर में दूसरी लहर की तुलना में काफी कम मौतें हुई हैं और टीकाकारण की उच्च दर के बाद मामलों में वर्तमान वृद्धि गंभीर बीमारी या मौत का कारण नहीं बन रही है। सरकार ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भारत में दूसरी और तीसरी लहर के दौरान प्रमुख आंकड़ों की तुलना पेश करते हुए कहा कि 30 अप्रैल, 2021 को 3,86,452 नए मामले, 3,059 मौतें और 31,70,228 उपचाराधीन मरीज थे और उस समय पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों का अनुपात दो प्रतिशत था।

उन्होंने कहा कि 20 जनवरी, 2022 को 3,17,532 नए मामले, मृतकों की संख्या 380 और 19,24,051 उपचाराधीन मरीज हैं और पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों का अनुपात 72 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा, ”यह दर्शाता है कि उपचाराधीन मरीजों की तुलना में मौत के मामले कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर में काफी कम रहे है, जबकि टीकाकरण करा चुके लोगों की संख्या दूसरी से तीसरी लहर में काफी बढ़ गई है।”

भूषण ने कहा, ”इसके द्वारा हम आपको बताना चाहते हैं कि टीकाकरण प्रभावी है। पूर्ण टीकाकरण वाले व्यक्तियों में यह बीमारी हल्की और मध्यम स्तर पर रहती है।”

उन्होंने उन लोगों से टीका लगवाने का आग्रह किया जिन्होंने अभी तक अपनी पहली खुराक नहीं ली है।उन्होंने लोगों से पूर्ण टीकाकरण कराने की भी अपील की।

वहीं, सरकार ने बताया कि भारत के 94 प्रतिशत वयस्कों को कोविड टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है, जबकि 72 प्रतिशत लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। सरकार ने कहा कि 15-18 वर्ष आयु वर्ग में 52 प्रतिशत ने अपनी कोविड टीके की पहली खुराक प्राप्त कर ली है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश के 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड के 50,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं और 515 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई।

इसके अलावा दिल्ली की कोविड स्थिति पर सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है।

सरकार ने कहा कि दिल्ली में 11-18 आयु वर्ग के लोगों में ऊपरी श्वास नलिका में कोरोना वायरस संक्रमण के सामान्य लक्षण हैं जबकि कोविड के लगभग 99 प्रतिशत वयस्क मरीजों में बुखार, खांसी, गले में खराश के सामान्य लक्षण हैं।