भारत-कनाडा के बीच तनाव, पंजाब में देखने को मिला बुरा असर, मायूस हुए Students

हालांकि इस तनाव का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा असर नहीं पड़ा, लेकिन पंजाब पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है क्योंकि पंजाब के दोआबा और मालवा के लाखों छात्र इससे काफी प्रभावित हुए हैं

Sep 16, 2024 - 11:26
Sep 16, 2024 - 11:26
 16
भारत-कनाडा के बीच तनाव, पंजाब में देखने को मिला बुरा असर, मायूस हुए Students
Advertisement
Advertisement

पिछले साल कनाडा में हरप्रीत सिंह निझर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा सरकारों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि इस तनाव का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा असर नहीं पड़ा, लेकिन पंजाब पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है क्योंकि पंजाब के दोआबा और मालवा के लाखों छात्र इससे काफी प्रभावित हुए हैं और निराश हैं। ऑस्ट्रेलिया, यूके और अन्य देशों की सरकारों और विश्वविद्यालयों पर भी इसका असर पड़ा है। इसके साथ ही एडमिशन फीस भी बढ़ा दी गई है और नियम भी कड़े कर दिए गए हैं।

भारत सरकार के विदेश मंत्री एस जयशंकर के जरिए सिख संगठनों और अन्य संगठनों ने ओटावा के पास हुई सिख विरोधी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाई है और वहां हिंदू-सिख तनाव को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। लेकिन कनाडा सरकार द्वारा स्टूडेंट वीजा में की गई कटौती से पंजाबियों को गहरा झटका लगा है। एक अनुमान के मुताबिक अमेरिका, कनाडा, यूके से यहां 100 से ज्यादा छात्र आते हैं। हर साल कनाडा में 10 लाख रुपये की राशि कनाडा में पढ़ने के लिए जाती है।

पंजाब से विदेशी विश्वविद्यालयों को स्टडी वीजा पर यू.के., ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में प्रति वर्ष 25-30 लाख रुपये प्रति छात्र के हिसाब से 70,000-75,000 करोड़ रुपये जा रहे थे, लेकिन अब यह आंकड़ा आधा रह जाएगा, क्योंकि पहले हर साल 2 लाख की बढ़ोतरी हो रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, अगर कनाडा सरकार और वहां के विश्वविद्यालय नियम-कायदे सख्त बनाते रहेंगे, तो एक समय सबका स्वागत करने वाले कनाडा की छवि खराब होगी और विदेशी छात्र दूसरे देशों का रुख करने लगेंगे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow