तो इस वजह से BJP ने Nitish Kumar से किया गठबंधन

तो इस वजह से BJP ने Nitish Kumar से किया गठबंधन

पिछले 4 दिनों से बिहार में चल रहे राजीनीतिक घटनाक्रम पर तब लगाम लगा, जब नीतीश कुमार ने 9वीं बार भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. साल 2022 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से रिश्ता तोड़ कर राजद का दामन थाम लिया था.

जिसके बाद भाजपा के प्रदेश इकाई के नेता लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर रहें. इतना ही नहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने तो एक जनसभा के दौरान यह ऐलान कर दिया कि अब नीतीश कुमार के लिए सभी दरवाजे बंद हो गए हैं. यानी नीतीश कुमार अब कभी NDA का हिस्सा नहीं बन पाएंगे.

NDA में नीतीश कुमार के आने का क्या है कारण

लेकिन ऐसी क्या परिस्थिति उत्पन्न हो गई कि नीतीश कुमार पर हमलावर रहने वाली भाजपा को कदम पीछे हटा कर समर्थन करना पड़ा. इसके दो मुख्य कारण दिखाई देते हैं. पहला कारण यह है कि चंद हफ़्तों के बाद लोकसभा चुनाव होना है. ऐसे में बिहार में भाजपा और जदयू के साथ आ जाने से NDA को बड़ा फायदा होने की आशंका है.

साल 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा और नीतीश कुमार ने मिलकर 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का यह मानना है कि अगर इस बार फिर नीतीश कुमार साथ हो लेते तो वो रिकॉर्ड दोहराया जा सकेगा. हालांकि, प्रदेश के नेता नीतीश कुमार के साथ जाने के पक्ष में बिल्कुल नही थे.

नीतीश कुमार के राजनीतिक पारी का अंतिम दौर

इसके अलावा दूसरा जो कारण भाजपा और जदयू का साथ आने का है, वो भाजपा के लिए फायदेमंद रहने वाला है. साल 2005 से अबतक भाजपा ने नीतीश कुमार को हमेसा बिहार की राजनीति में आगे करके रखा. 2020 विधानसभा चुनाव में सीट अधिक जितने के बाद भी भाजपा ने नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया.

ऐसे में भाजपा के बड़े नेताओं का मानना है कि यह दौर नीतीश कुमार के राजनीतिक पारी का अंतिम समय चल रहा है. माना जा रहा है 2025 विधानसभा चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार प्रदेश की राजनीति से सन्यास ले लेंगे. ऐसे में भाजपा की नज़र नीतीश कुमार के वोट बैंक पर है.