मेघालय में दो लोगों की मौत के बाद ‘अस्थिर हालात’, खासी और जैंतिया जिलों में हाई अलर्ट

मेघालय में हाल में दो व्यक्तियों की मौत के बाद पैदा हुए ‘‘अस्थिर हालात’’ के मद्देनजर खासी और जैंतिया पर्वतीय क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।

पिछले सप्ताह, खासी छात्र संघ (केएसयू) के पूर्वी खासी हिल्स जिले में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शन के बाद भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप इचामती इलाके में दो लोग मृत पाए गए थे।

पुलिस अधीक्षक ऋतुराज रवि ने बताया कि मंगलवार को केएसयू के दो सदस्यों को सोहरा शहर में उनके घरों से पकड़ा गया और बाद में हत्याओं में कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस की कार्रवाई के विरोध में केएसयू की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोगों ने बुधवार को स्थानीय थाने के सामने प्रदर्शन किया और कहा कि उसके सदस्यों से उग्रवादियों की तरह बर्ताव नहीं किया जा सकता।

रवि ने बताया कि एक अन्य घटना में अज्ञात लोगों ने शिलॉन्ग में मावलई पुलिस थाने में एक पेट्रोल बम फेंका जिसमें एक पुलिस वाहन नष्ट हो गया। इस घटना में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

इन घटनाओं के मद्देनजर पुलिस महा उपनिरीक्षक डीएनआर मारक ने पूर्वी रेंज के सात जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट जारी किया है। पूर्वी रेंज में राज्य की राजधानी शिलॉन्ग भी आती है।

मारक ने आदेश में कहा, ‘‘इस बात की काफी आशंका है कि एनजीओ अधिक प्रदर्शन कर सकते हैं और पुलिस थाने/पुलिस वाहनों, सरकारी संपत्तियों/इमारतों तथा वाहनों और गैर-आदिवासियों को निशाना बना सकते हैं।’’

उन्होंने बताया कि प्रभावशाली केएसयू चार अप्रैल को ‘खासी जागृति दिवस’ के रूप में मना रही है लेकिन पूर्वी जैंतिया हिल्स जिले के खलिरियात में इसके लिए अनुमति नहीं दी गयी है।

पुलिस अधीक्षकों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी करने जैसे एहतियातन कदम उठाने का निर्देश देते हुए मारक ने कहा कि एनजीओ किसी भी जिला मुख्यालय में बृहस्पतिवार को अचानक आंदोलन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको आपराधिक तत्वों को आज फायदा उठाने से रोकने और आपके अधिकार क्षेत्र के तहत सरकारी प्रतिष्ठानों और गैर-आदिवासियों को निशाना बनाने की आशंका के मद्देनजर आवश्यक एहतियात बरतने का निर्देश दिया जाता है।’’