राजस्थयन रॉयल्स के खिलाड़ी ध्रुव जुरेल को हाल ही में भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के पहले 2 टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है।
हालांकि उनके लिए भारतीय टीम तक पहुंचने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। यह उनके अटूट दृढ़ संकल्प और उनकी मां के असीम प्यार का प्रमाण है।
इस 22 वर्षीय विकेटकीपर-बल्लेबाज का सफर बहुत दूर से शुरू हुआ था। कठिनाइयों और बलिदानों से भरे इस सफर ने ही उन्हें एक शानदार खिलाड़ी के रूप में आकार दिया है।
क्रिकेट के प्रति ध्रुव जुरेल का जुनून बचपन से ही बहुत ज्यादा था। लेकिन परिवार की आर्थिक स्तिथि अच्छी न होने के कारण उन्हें भारत के लिए खेलने का सपना धुंधला ही नजर आता था।
उनके पिता भारतीय सेना में शामिल थे और उन्होंने कारगिल युद्ध में भी भाग लिया था। लेकिन उनके बेटे ने आर्मी की वजाय एक अलग रास्ते पर जाने का फैसला किया।
ध्रुव और उनके परिवार के लिए यह फैसला लेना इतना आसान नहीं था। लेकिन ध्रुव हमेशा से ही क्रिकेट खेलना का सपना देखते थे। 14 साल की उम्र में बैट नहीं मिलने से दुखी होकर वह घर से भाग गए थे।
ध्रुव जुरेल की मां उनकी शक्ति की मूक स्तंभ थीं। उन्होंने अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए अपनी सोने की चेन बेच दी और अपने बेटे को क्रिकेट अकादमी में दाखिल कराया।
ध्रुव की मां का यह कदम उनकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ बन गया। जिसने ध्रुव के दृढ़ संकल्प को जिम्मेदारी की एक और शक्तिशाली भावना से भर दिया।
इस कर्ज के बोझ से ध्रुव की प्रतिभा निखर उठी। वह उत्तर प्रदेश के आगरा में जूनियर क्रिकेट में सबसे शानदार खिलाड़ी के रूप में उभरे। अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए, वह नोएडा चले गए।
नोएडा में क्रिकेट खेलने के लिए उन्होंने रोज लम्बी यात्रा करनी पड़ती थी। जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को खतरा था। एक बार फिर, उनकी माँ इस अवसर पर आगे बढ़ीं और उनके पास रहने के लिए नोएडा चली गईं।
आईपीएल और भारत क्रिकेट टीम तक का सफर
ध्रुव जुरेल को सफलता आसानी से नहीं मिली। अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन के बावजूद, ध्रुव को आईपीएल अनुबंध पाने के लिए 3 प्रयास करने पड़े।
उनके पिता शुरू में झिझक रहे थे कि क्या ध्रुव इस क्षेत्र में आगे बढ़ भी पाएगा या नहीं। लेकिन उन्होंने चुपचाप लोगों के ताने और आलोचनाएं सहन कीं।
2023 के आईपीएल सीज़न में राजस्थान रॉयल्स और इम्पैक्ट प्लेयर नियम के रूप में उनकी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया। ध्रुव जुरेल को राजस्थान ने उनके बेस प्राइस पर खरीद लिया।
उन्होंने टीम में फिनिशर के रूप में अपनी जगह बनाई। उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी कि बदौलत राजस्थान ने कई मैच जीते। वह अपने प्रभावशाली प्रदर्शन का श्रेय आरआर अकादमी में कठोर प्रशिक्षण और संजू सैमसन और जोस बटलर के निरंतर प्रोत्साहन को देते हैं।
ध्रुव जुरेल का टेस्ट कॉल-अप उनके लिए एक भावुक क्षण है। यह उनकी प्रतिभा, उनके लचीलेपन और सबसे महत्वपूर्ण, उनके परिवार के अटूट प्रेम और बलिदान का पुरस्कार है।
लगभग क्रिकेट को छोड़ देने से लेकर सबसे बड़े मंच पर खेलने तक, ध्रुव की कहानी एक प्रेरणा है, एक अनुस्मारक है कि धैर्य के साथ सबसे चुनौतीपूर्ण सपनों का भी पीछा किया जा सकता है और उन पर विजय प्राप्त की जा सकती है।