लाल चींटियों को देखते ही सब उनसे दूर भागने की कोशिश करते हैं क्योंकि सभी को पता है कि ये चींटियां हमें जोर से डंक मार देती हैं, जिससे स्किन पर लाल चकत्ते बन जाते हैं।
लेकिन हमारे देश के कई ऐसे इलाके भी हैं, जो इन चीटिंयों की चटनी बनाकर उन्हें खा लेते हैं। जी हां, चींटी की चटनी नाम सुनकर तो आपका दिमाग हिल गया होगा।
आपको लग रहा होगा कि ये कौन लोग हैं जो चींटी की चटनी खाते हैं। तो, बता दें कि चींटी की चटनी सिर्फ खाने में ही टेस्टी नहीं होती बल्कि, सेहत के लिए भी इसके कई फायदे हैं।
बता दें कि लाल चींटियों की चटनी झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ समुदाय के लोग चटकारे लेकर खाते हैं। वहीं अब इस चटनी को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन यानी की GI टैग का सम्मान भी मिला है।
लाल चीटीं की चटनी के फायदे
- लाल चींटी की चटनी के सेवन से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं। यह एनीमिया, वजन बढ़ने, दिल की बीमारियों, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों से लड़ने के अलावा सामान्य सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है।
- इस चटनी में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है। इसमें प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, आयरन, विटामिन, फाइबर आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- इसमें पाए जाने वाले तत्व शरीर को भीतर से मजबूती प्रदान करते हैं। ये हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। इम्युनिटी बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। रक्त की कमी दूर करते हैं और एनर्जी का स्तर भी बढ़ाते हैं।
- स्थानीय आदिवासी लोग मलेरिया, पीलिया और अन्य बुखार से छुटकारा पाने के लिए भी इन लाल चींटियों के झुंड के पास ही जाते हैं। चींटियों के काटने से बुखार का तापमान कम होता है और चटनी खाने से भी बुखार कम करने में मदद मिलती है।
- इस चटनी के एंटीऑक्सीडेंट तत्व फ्री रेडिकल क्षति से बचाते हैं जो कई बीमारियों के कारण बनते हैं। इस प्रकार लाल चींटी की चटनी शरीर को ताकत देती है और स्वस्थ रखती है।