NCERT की किताबों से हटाए गए ये टॉपिक्स, नए सेशन से पहले बड़ा बदलाव

NCERT की किताबों से हटाए गए ये टॉपिक्स, नए सेशन से पहले बड़ा बदलाव

परीक्षाओं के रिजल्ट आने के बाद अब सभी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत हो गई है. जिसके लिए नई किताबें भी आनी शुरू हो रही है. लेकिन इस साल NCERT Book Session 2024-25 के आने में कुछ समय लग रहा है। जानकारी के अनुसार इस साल नए शैक्षणिक सत्र में कुछ बड़े बदलाव किए गए है। तो वहीं पिछले साल भी इतिहास की किताबों में कई अंशों को हटाने का मामला सामने आया था वहीं अब 11वीं और 12वीं की राजनीति विज्ञान की पुस्तकों में कई बदलाव किए गए हैं। 

12वीं की किताब में हुए बदलाव

12वीं की किताब के चैप्टर 8 में एक वाक्य को बदल दिया गया है। पहले यहां लिखा था कि राजनीतिक लामबंदी के लिहाज से राम जन्मभूमि आंदोलन और बाबरी मस्जिद विध्वंस ने क्या विरासत छोड़ी है? इसे बदलकर अब राम जन्मभूमि आंदोलन ने क्या विरासत छोड़ी है? कर दिया गया है। इसी अध्याय में बाबरी मस्जिद और हिंदुत्व की राजनीति के संदर्भ हटा दिए गए हैं। इसी तरह कक्षा 11 की किताब में चैप्टर 8 में बदलाव कर अब लिखा गया है कि 2002 में गोधरा दंगों के पश्चात लगभग 1000 से अधिक लोग मारे गए। बदलाव के पीछे एनसीईआरटी ने तर्क दिया है, “किसी भी दंगे में सभी समुदायों के लोगों का नुकसान होता है। यह सिर्फ एक समुदाय नहीं हो सकता।”

मणिपुर से जुड़ी चीजें भी बदली गई 

मणिपुर पर, पहले की किताबों में कहा गया था, “भारत सरकार मणिपुर की लोकप्रिय निर्वाचित विधानसभा से परामर्श किए बिना, सितंबर 1949 में विलय समझौते पर साइन करने के लिए महाराजा पर दबाव डालने में सफल रही। इससे मणिपुर में काफी गुस्सा और आक्रोश पैदा हुआ, जिसका अहसास अभी भी किया जा रहा है।” अब बदले हुए संस्करण में कहा गया है, “भारत सरकार सितंबर 1949 में महाराजा को विलय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मनाने में सफल रही।”

इसी तरह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुद्दे पर पहले कहा गया था कि भारत का दावा है कि यह क्षेत्र अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को आज़ाद कश्मीर के रूप में बताता है। इसमें बदलाव करते हुए कहा गया है कि यह भारतीय क्षेत्र है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओके) कहा जाता है। संशोधन के पीछे एनसीईआरटी का तर्क यह है कि जो बदलाव लाया गया है वह जम्मू-कश्मीर के संबंध में भारत सरकार की नवीनतम स्थिति से पूरी तरह मेल खाता है।