भारत को वैज्ञानिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनाना लक्ष्य: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनका लक्ष्य भारत को बेहतरीन वैश्विक पद्धतियों से जोड़कर और इसके ज्ञान एवं अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करके वैज्ञानिक शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनाना है।

प्रधानमंत्री ने पिछले दशक की वैज्ञानिक उपलब्धियों का विवरण देने वाली एक रिपोर्ट के लिए दिए गए अपने संदेश में कहा, ‘‘2047 तक आने वाला समय एक ऐसा काल है जो एक मजबूत, आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण के हमारे सपने को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण है, जहां वैज्ञानिक समुदाय, विशेष रूप से हमारे युवा, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’

केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय और गैर सरकारी संगठन फाउंडेशन फॉर एडवांसिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (फास्ट इंडिया) द्वारा ‘विज्ञान का एक दशक : आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रौद्योगिकी पैनोरमा’ शीर्षक से तैयार की गई रिपोर्ट का संकलन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को जारी किया।

रिपोर्ट में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे, रक्षा, ऊर्जा क्षेत्र और भारी उद्योगों जैसे क्षेत्रों में भारत के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला गया है।

मोदी ने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा, गहरे समुद्र और अंतरिक्ष अन्वेषण जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में निवेश करना हो, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग हो, महामारी के दौरान टीके का विकास या नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार की प्रतिबद्धता हो, ये सभी प्रयास आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारी निरंतर यात्रा को प्रदर्शित करते हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों ने विविध क्षेत्रों में अभूतपूर्व अनुसंधान किया है जबकि इसका प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र वैश्विक चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के साथ-साथ जिज्ञासा-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा क्षेत्र में दूरगामी सुधार भी लागू किए हैं।

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद ने कहा कि रिपोर्ट में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे क्षमता निर्माण, ऊर्जा, अन्वेषण, सार्वजनिक सेवा, कृषि, पशु धन और जैव प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य में प्रयासों की जांच की गई है।

बालाकोट हवाई हमले के दौरान तैनात किए गए रडारों और वायु रक्षा प्रणालियों के विकास से लेकर टीका बनाने तक में भारत की प्रगति और 4जी/5जी दूरसंचार नेटवर्क में उपलब्धियों तक, यह रिपोर्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के प्रयासों को रेखांकित करती है।