एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने रिपोर्टों पर गौर किया और कहा, ‘‘सुनवाई की अगली तारीख (सात दिसंबर) को या उससे पहले सभी संबंधित राज्य या प्राधिकारी ताजा रिपोर्ट दाखिल करें, जिसमें बताया जाए कि कितने नालों को पूरी तरह से बंद किया गया है। साथ ही उन नालों की संख्या बताई जाए, जिनसे उपचारित या अनुपचारित या आंशिक रूप से उपचारित अपशिष्ट जल सीधे यमुना नदी में बहने के कारण पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।”