पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश संविधान और कानून के राज की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करें : इमरान खान

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा को पत्र लिखकर देश में कानून के राज की रक्षा करने और संविधान की सर्वोच्चता स्थापित करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

खान ने पत्र में आठ फरवरी को हुए आम चुनाव में कथित धांधली सहित कई मुद्दों को भी रेखांकित किया है।

खान (71) ने 20 अप्रैल को लिखे पत्र में देश के सामने आने वाले सात प्रमुख मुद्दों को रेखांकित किया है जिनमें भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था द्वारा तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को क्लीनचिट देना और फरवरी के आम चुनाव में कथित धांधली शामिल है।

खान ने प्रधान न्यायाधीश को याद दिलाया कि पूरा देश उनकी ओर देख रहा है और उन्होंने प्रख्यात वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टीन के शब्दों को उद्धृत किया: ‘‘दुनिया एक खतरनाक जगह है, उन लोगों के कारण नहीं जो बुरे काम करते हैं, बल्कि उन लोगों के कारण जो देखते रहते हैं और कुछ नहीं करते।’’

खान ने कहा कि उनके (काजी फैज ईसा) होते हुए पाकिस्तान में कानून का शासन और संविधान की सर्वोच्चता एक नए निम्न स्तर पर गिर गई है, इससे ‘जंगल के कानून’ का धीरे-धीरे उदय हुआ है।

खान के सात मांगों में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अध्यक्ष नजीर अहमद बट के खिलाफ जांच और उन्हें पद से हटाना, बहावलनगर में सैनिकों द्वारा पुलिस पर कथित हमले को संज्ञान में लेना, इस्लामाबाद के छह न्यायाधीशों द्वारा पत्र लिखकर ब्लैकमेल और उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई करना, पिछले साल नौ मई को हिंसा के मामले में गलत तरीके से गिरफ्तार लोगों के मामले देखने की मांग शमिल है।