मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेकर ‘सस्पेंस’ रविवार को खत्म हो सकता है

New Delhi, Dec 07 (ANI): Prime Minister Narendra Modi with Union Minister Amit Shah, Pralhad Joshi, BJP National President JP Nadda and Union Minister of State for Parliamentary Affairs Arjun Ram Meghwal leaves after attending the BJP Parliamentary Party meeting, at the Parliament House Complex, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo)

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जोरदार जीत के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री को लेकर ‘सस्पेंस’ रविवार को खत्म होने की संभावना है, जब पार्टी के 163 नवनिर्वाचित विधायक केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में अपना नेता चुनने के लिए बैठक करेंगे।

भाजपा ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश में अपने विधायक दल का नेता चुनने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अपने ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया ।

प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक रविवार को होने की संभावना है। बृहस्पतिवार रात भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यहां पत्रकारों से कहा था कि मुख्यमंत्री को लेकर ‘सस्पेंस’ रविवार को खत्म हो जाएगा।

मध्य प्रदेश में भाजपा ने इस बार 17 नवंबर का विधानसभा चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश किए बिना लड़ा। ऐसा 20 साल बाद हुआ कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यदि भाजपा चौहान की जगह किसी और को लेती है तो वह किसी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मुख्यमंत्री पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भी हैं।

उनके मुताबिक ऐसी स्थिति में प्रह्लाद पटेल मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे हो सकते हैं। वह नरसिंहपुर विधानसभा सीट से चुने गए हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह लोधी समुदाय से आते हैं और लोधी अन्य ओबीसी का हिस्सा है। इस बीच पटेल दिल्ली से भोपाल पहुंच गए हैं।

इस तथ्य को देखते हुए कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत से अधिक है। भाजपा नेतृत्व 2003 के बाद से राज्य में शीर्ष पद के लिए ओबीसी नेताओं के साथ गया है। इससे पहले उसने उमा भारती, जो एक लोधी हैं, को आगे बढ़ाया था। एक साल बाद, पार्टी ने एक और ओबीसी, बाबूलाल गौर और फिर 2004 में चौहान पर अपना दांव लगाया ।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, विजयवर्गीय और भाजपा के प्रदेश प्रमुख वी डी शर्मा अन्य संभावित उम्मीदवार हैं। नरेंद्र तोमर का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है। वह दिमनी से चुने गए हैं और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

चारों बड़े दिग्गज पटेल, तोमर, विजयवर्गीय और वी डी शर्मा पहले ही नई दिल्ली में गृह मंत्री और भाजपा के मास्टर रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं।

उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से भी मुलाकात की।

इन नेताओं ने सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार किया है कि वे मुख्यमंत्री बनने की होड़ में हैं।