मालदीव से सैन्य वापसी को लेकर भारत के साथ हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगा- रिपोर्ट

मालदीव सरकार ने कहा है कि यहां 88 भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए भारत सरकार के साथ हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई।

लक्षद्वीप के सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी की निंदा की

लक्षद्वीप के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल ने द्वीपसमूह की पर्यटन संभावनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए पोस्ट पर मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी की सोमवार को निंदा की। उन्होंने कहा कि वे भारत की आंतरिक मामलों को लेकर टिप्पणी करने से पहले “दो बार सोचें”।

फैजल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर की गई बातचीत में कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री की लक्षद्वीप के पर्यटन को लेकर की गई टिप्पणी पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला था। मालदीव के उप मंत्रियों द्वारा की गई टिप्पणी अवांछित और बेतुकी थीं।’’

मालदीव की सरकार ने मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर तीन उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया था।

तीनों उपमंत्रियों ने लक्षद्वीप की यात्रा के बाद ‘एक्स’ पर मोदी की पोस्ट के लिए उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। माना जा रहा था कि मोदी का पोस्ट केंद्र शासित प्रदेश को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का एक प्रयास था।

फैजल ने कहा कि लक्षद्वीप केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत केंद्र शासित प्रदेश है और प्रधानमंत्री के अधीन है। उन्होंने कहा, ‘‘जब माननीय प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र के बारे में बात करते हैं और वहां पर्यटन के विकास की चर्चा करते हैं तो मालदीव के अधिकारियों द्वारा बयान देने का औचित्य नहीं बनता। यह अवांछित है।’’

फैजल की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर मालदीव के कई मंत्रियों के बयान को लेकर उत्पन्न राजनीतिक गतिरोध के बीच आयी है।

मालदीव के तीन उप मंत्रियों – मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद ने प्रधानमंत्री मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद ‘एक्स’ पर उनकी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि नयी दिल्ली इस केंद्र शासित प्रदेश को मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के रूप में पेश करने का प्रयास कर रही है।

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार विदेशी नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर ‘‘अपमानजनक टिप्पणियों’’ से अवगत है और इन नेताओं के व्यक्तिगत विचार देश की स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘मालदीव सरकार विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया मंचों पर अपमानजनक टिप्पणियों से अवगत है। यह राय (नेताओं की) व्यक्तिगत हैं और मालदीव सरकार उनके विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।’’

फैजल से पूछा गया कि क्या वह मानते हैं कि मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी का अपमान किया है तो उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर ….(जो) उप मंत्री जैसे उच्च पदों पर आसीन हैं, उन्हें टिप्पणी करने से पहले दो बार सोचना चाहिए। भारत के आंतरिक मामलों से उनका कोई सरोकार नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें क्यों ऐसी टिप्पणी करनी चाहिए? वास्तव में यह अवांछित है। इसका बिल्कुल समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।’