Ram Mandir में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी धर्मों के लोग विशेष प्रार्थना करें : Himanta Biswa Sarma

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने रविवार को सभी धर्म के लोगों से सैहार्द को प्रोत्साहित करने के लिए सोमवार को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान विशेष प्रार्थना करने की अपील की है। शर्मा ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अयोध्या में भगवान राम… Continue reading Ram Mandir में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी धर्मों के लोग विशेष प्रार्थना करें : Himanta Biswa Sarma

Himanta Biswa Sarma ने राहुल गांधी से असमी संत शंकरदेव की जन्मस्थली पर नहीं जाने का आग्रह किया

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 22 जनवरी को बोर्दोवा में श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली पर जाने से बचना चाहिए क्योंकि भगवान राम और राज्य में एक आदर्श के रूप में पूजनीय मध्यकालीन वैष्णव संत के बीच कोई स्पर्धा नहीं हो सकती।

शर्मा ने कहा कि 22 जनवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के संवेदनशील मार्गों पर कमांडो तैनात किए जाएंगे।

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम राहुल गांधी से राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान सोमवार को बोर्दोवा न जाने का अनुरोध करेंगे क्योंकि इससे असम की गलत छवि पेश होगी।’’

उन्होंने कहा कि राहुल ‘‘अनावश्यक स्पर्धा’’ पैदा किए बगैर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद बोर्दोवा स्थित ‘सत्रा’ (वैष्णव मठ) जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पर्धा असम के लिए दुखद होगी।

श्रीमंत शंकरदेव (1449-1568) का जन्म नगांव जिले के बोर्दोवा में हुआ। श्रीमंत शंकरदेव असम के संत-विद्वान, सामाजिक-धार्मिक सुधारक, कवि, नाटककार रहे और 15वीं से 16वीं शताब्दी तक असम के सांस्कृतिक व धार्मिक इतिहास में एक महान व्यक्ति रहे।

शर्मा ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय मीडिया में आयी एक खबर पढ़कर दुख हुआ जिसमें कहा गया है कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे तो राहुल बोर्दोवा के सत्रा में उपस्थित रहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे गलत छवि पेश होगी। राम और शंकरदेव के बीच कोई स्पर्धा नहीं है और जब देश का ध्यान अयोध्या पर है तो उसे अनावश्यक रूप से असम की ओर परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए। अगर वह (राहुल) राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान सत्रा में जाने से बचेंगे तो हम उनके आभारी होंगे।’’

शर्मा ने कहा कि सत्रा प्राधिकारियों ने उन्हें आमंत्रित किया है और चूंकि कांग्रेस में भी हिंदू लोग हैं, इसलिए इस यात्रा का समय बदलकर सुबह या शाम किया जा सकता है।