इस साल लुधियाना में अब तक पराली जलाने के 560 मामले आ चुके हैं सामने

इस साल लुधियाना में अब तक पराली जलाने के 560 मामले आ चुके हैं सामने

दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में है। लुधियाना में इस साल अब तक पराली जलाने के लगभग 560 मामले सामने आए हैं।

95 मामलों में करीब 2 लाख 32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कुछ मामलों में रेड इंट्री भी दर्ज करायी गयी है। इसके अलावा दो बार पुलिस केस भी दर्ज किया गया है।

जिला लुधियाना के मुख्य कृषि अधिकारी नरेंद्र सिंह बेनीपाल ने कहा, ‘पिछले साल की तुलना में इस बार पराली जलाने के मामलों में 51 फीसदी की कमी आई है।

मुख्य कृषि अधिकारी ने आगे बताया कि पिछले साल 3 नवंबर को पराली जलाने के 119 मामले सामने आए थे, जो इस साल घटकर 59 रह गए हैं। बेनीपाल ने कहा, इसी तरह, पिछले साल 3 नवंबर तक पराली जलाने के 1144 मामले सामने आए थे, जो अब तक 560 मामले हैं।

उन्होंने कहा कि पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले जगराओं उपजिला से हैं, जो इस आंकड़े का लगभग आधा है। खन्ना उप-जिले से चार मामले सामने आए हैं।

बेनीपाल ने कहा कि कार्रवाई करना उनकी मजबूरी है। किसानों को लगातार निर्देशित किया जा रहा है कि वे पराली जलाकर मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान न पहुंचाएं।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग के अनुसार, लगातार चौथे दिन रविवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। हालांकि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में मामूली गिरावट के साथ शनिवार को 504 के मुकाबले 410 दर्ज की गई।

SAFAR-India द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, लोधी रोड क्षेत्र में वायु गुणवत्ता 385 (बहुत खराब) दर्ज की गई, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में 456 (गंभीर) है। कुतुब मीनार क्षेत्र से एएनआई ड्रोन कैमरा फुटेज में हवा में धुंध की एक मोटी परत दिखाई दी।