कंगाल पाकिस्तान में अब लेमिनेशन पेपर की कमी, लाखों पासपोर्ट्स की रुकी प्रिंटिग

कंगाल पाकिस्तान में अब लेमिनेशन पेपर की कमी, लाखों पासपोर्ट्स की रुकी प्रिंटिग

गरीबी में आटा गीला होना मुहावरा तो आपने सुना ही होगा…लेकिन अब आप सोच रहे होंगे की हम इस मुहावरा का प्रयोग क्यों कर रहे है। दरअसल पाकिस्तान की कंगाली तो काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी, अब उसकी इकोनॉमी और ज्यादा बदहाल हो चुकी है।

हाल ही में पाकिस्तानी नागरिकों के लाखों पासपोर्ट्स को इश्यू नहीं किया जा सका। इसके पीछे की वजह जानके आप भी हैरान रह जाएंगे। महंगाई और भुखमरी की मार झेल रहे पाकिस्तान में अब लेमिनेशन पेपर की कमी हो गई है।

लेमिनेशन पेपर की कमी की वजह से पाकिस्तानी नागरिकों को पासपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि पासपोर्ट के लिए इस्तेमाल होने वाला लैमिनेशन पेपर पाकिस्तान फ्रांस से IMPORT करवाता है।

इस अजीबो-गरीब बेहाली का आलम ये है कि बाहर के देशों में जाकर पढ़ाई या काम करने का सपना देखने वालों का भविष्य अब एक लैमिनेशन पेपर की वजह से अंधकार में है,

तो वहीँ पासपोर्ट महानिदेशालय से जुड़े एक शख्स ने कहा कि सरकार TYPING TEXT के संकट से निपटने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि स्थिति जल्द ही नियंत्रण में होगी और लोगों को यह आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा।

पाकिस्तान में गुजरात के रहने वाले जैन इजाज ने लंबे समय से यूनाइटेड किंगडम में पढ़ाई करने का सपना देखा था। जब आख़िरकार उन्हें यूके के एक विश्वविद्यालय में प्रवेश मिल गया, तो ऐसा लगा जैसे उनका सपना पूरा हो गया है।

लेकिन, अब पासपोर्ट मिलने में देरी की वजह से उनके सपने के रास्ते में बड़ी रुकावट आ गई है, तो वही पंजाब के दूर दराज इलाके से आने वाले गुल का भी कुछ यही हाल है।

उन्होंने कहा कि मैं काम के सिलसिले में जल्द ही दुबई निकलने वाला था। पूरा परिवार ये सोचकर खुश था कि अब इसके बाद जिंदगियां बदलने वाली हैं। खैर अब डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ इमिग्रेशन एंड पासपोर्ट की मिसमैनेजमेंट की वजह से मैं अपना टिकट इस देश की गरीबी के आगे खो दूंगा।

टाइम्स ऑफ कराची की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में 7 लाख पासपोर्ट अभी भी प्रिंट करने के लिए हैं। जैसे ही लैमिनेशन पेपर आता है विकेंड्स पर भी पासपोर्ट प्रिंटिंग जारी रहेगी।

ताकि जो समय बर्बाद हुआ है उसे कवर किया जा सके। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान इस तरह के संकट का सामना कर रहा है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में, डीजीआई एंड पी द्वारा प्रिंटरों को पैसा देने और लेमिनेशन पेपर्स की कमी के कारण पासपोर्ट की छपाई इसी तरह रुक गई थी।