PIPPA: क्या है 1971 War Hero Balram Singh Mehta की असल कहानी ?

PIPPA: क्या है 1971 War Hero Balram Singh Mehta की असल कहानी ?

PIPPA: बड़ा अजीब है जिन फिल्मों को ओटीटी तो छोड़िए यूट्यूब पर भी रिलीज नहीं होना चाहिए था, वो थिएटर में आ रही हैं और जो फिल्म थिएटर में आनी चाहिए थी. वो ओटीटी पर आई है. जी हां हम बात कर रहे है ‘पिप्पा’ की, वैसे तो देशभक्ति से जुड़ी फिल्में आती रहती है.

वहीं, हाल ही में रिलीज हुई ‘पिप्पा’ को प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया. बता दें कि ‘पिप्पा’ में बहुत कुछ खास है, ये एक वॉर फिल्म है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसका टाइटल किसी वॉर रिफरेंस या किसी वॉर हीरो के नाम पर नहीं बल्कि एक वॉर टैंक के नाम पर है, जो अपने आप में बड़ी बात है.

ईशान खट्टर वर्दी में आ रहे हैं नजर

ईशान खट्टर इन दिनों अपनी मोस्ट अवेटेड अपकमिंग फिल्म ‘पिप्पा’ को लेकर काफी सुर्खियों में हैं. फिल्म ‘पिप्पा’ में अभिनेता ईशान खट्टर अपने वर्दी वाले लुक से दर्शकों को लुभाते नजर आ रहे है. फिल्म में ईशान के साथ मृणाल ठाकुर, प्रियांशु पेनयुली और सोनी राजदान जैसे शानदार कलाकार मुख्य रोल में नजर आ रहे हैं. यह फिल्म 10 नवंबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हो चुकी है.

पिप्पा की क्या है कहानी ?

ये कहानी है पिप्पा नाम के टैंक की जो भारत का पहला ऐसा टैंक था जो पानी पर चल सकता था और इस टैंक ने 1971 की भारत पाकिस्तान जंग में दुश्मन की हालत खराब कर दी थी. फिल्म का नाम टैंक के नाम पर रखना अपने आप में गजब है. ईशान खट्टर, मृणाल ठाकुर और प्रियांशू पेन्यूली भाई बहन है. पिता सेना में थे और देश के लिए शहीद हो चुके हैं.

ईशान खट्टर यानि ब्रिगेडियर बलराम मेहता को जब पिप्पा को टेस्ट करने के लिए कहा जाता है तो वो अपने अफसर का ऑर्डर ना मानकर टैंक को गहराई में ले जाता है और उसे बॉर्डर पर भेजे जाने की जगह डेस्क पर बैठा दिया जाता है. परिवार उसे नकारा समझता है.

बड़ा भाई जंग पर जाता है. बहन को कोडिंग आती है तो वो भी सेना से जुड़ जाती है लेकिन फिर बलराम अपनी काबिलियत साबित करता है. जिस टैंक में तीन लोगों के बैठने की जगह होती है उसमें चार लोगों के बैठने की जगह बना देता है. ये देख आर्मी चीफ सैम मानेकशॉ उसे जंग पर भेज देते हैं. फिर जंग होती है और क्या होता है ये तो आपको movie देखने के बाद ही पता चलेगा.


कौन हैं ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता?

पिप्पा एक्शन से भरपूर 48 घंटे की गरीबपुर की लड़ाई की अतित पर आधारित तीन भाई-बहनों की कहानी बताती है. जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारत के पूर्वी मोर्चे पर लड़ा गया था. ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता 45वें कैवलरी टैंक स्क्वाड्रन से थे. उन्होंने न केवल बांग्लादेश के लिए लड़ाई लड़ी बल्कि टैंक स्क्वाड्रन का नेतृत्व भी किया और भारत को जीत दिलाई.

उनके बटालियन के साथियों ने उनसे एक किताब लिखने का आग्रह किया और तब बलराम सिंह मेहता ने ‘द बर्निंग चाफ़ीज़’ लिखी, जिसमें ग़रीबपुर की लड़ाई को दर्ज किया गया था. इस किताब ने अक्षय कुमार-स्टारर ‘एयरलिफ्ट’ फेम निर्देशक राजा कृष्ण मेनन को War Movie ‘Pippa’ बनाने के लिए प्रेरित किया,

जिसमें ईशान ने War Hero की भूमिका निभाई. ये उस 26 वर्षीय सैनिक की कहानी है जिसे युद्ध खत्म होते ही कैप्टन बना दिया गया था. उनके कमांडिंग ऑफिसर की लड़ाई में तीन मिनट के अन्दर मृत्यु हो गई.

क्या है Pippa?

दरअसल, इस युद्ध में पीटी-76 टैंक था, जिसको सैनिक प्यार से ‘पिप्पा’ बुलाया करते थे. इस फिल्म में दिखाए जाने वाले पंजाबी सैनिकों ने जब पहली बार टैंक को देखा था तो उसकी तुलना पिप्पा से की थी, जिसके बाद इसको पिप्पा बुलाने लगे थे.

पिप्पा पानी में तैरने वाला घी का डिब्बा होता है, जो पीपे जैसा दिखता है. इस टैंक ने युद्द के दौरान भारत की जीत में बहुत महत्वपुर्ण भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में सेना के पास बचा इकलौता असली पीटी 76 टैंक दिखाया गया है.