पाकिस्तान: जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ‘समय पर’ चुनाव सुनिश्चित नहीं करने को लेकर राष्ट्रपति अल्वी से नाखुश

 पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से नाखुश हैं कि उन्होंने संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ के विघटन के बाद 90 दिन के अंदर आम चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल नहीं किया। इमरान की बहन ने यह जानकारी बुधवार को दी।

‘जियो न्यूज’ ने बताया कि जिन्ना हाउस हमले की सुनवाई के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अलीमा ने कहा कि उनके भाई और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान इस बात से नाराज थे कि राष्ट्रपति ने चुनाव के लिए एक विशिष्ट तारीख की घोषणा करने के बजाय केवल एक ‘कट-ऑफ’ तारीख की घोषणा की। अलीमा ने यह भी कहा कि 70 वर्षीय खान जेल में वजन कम होने के बावजूद जेल में बहुत उत्साहित थे।

पिछले महीने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) प्रमुख को लिखे एक पत्र में अल्वी, जो इमरान खान की पार्टी पीटीआई के संस्थापक सदस्य हैं, ने सुझाव दिया था कि संविधान के अनुच्छेद 48(5) के अनुसार, राष्ट्रपति के पास ’नेशनल असेंबली’ के विघटन के 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने का अधिकार है।

राष्ट्रपति का पत्र स्पष्ट रूप से उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा क्योंकि पीटीआई चाहती थी कि मुख्य चुनाव आयुक्त को ‘कट-ऑफ’ तारीख का सुझाव देने के बजाय राष्ट्रपति अल्वी चुनाव की सटीक तारीख की घोषणा करें।

हालांकि, ईसीपी ने उनके सुझाव पर टिप्पणी करने से परहेज किया और बाद में घोषणा की कि चुनाव जनवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में होंगे।

नेशनल असेंबली को नौ अगस्त को भंग कर दिया गया था और संवैधानिक रूप से आम चुनाव 90 दिन के भीतर होने चाहिए, लेकिन परिसीमन प्रक्रिया के कारण शीर्ष चुनाव निकाय द्वारा प्रक्रिया में देरी हुई। इस साल हुई नयी जनगणना के मद्देनजर परिसीमन प्रक्रिया अनिवार्य हो गई थी।

अलीमा ने यह भी कहा कि पीटीआई प्रमुख का मानना ​​है कि सिफर मामले (गोपनीय राजनयिक दस्तावेज का लीक होना) में उन्हें लंबे समय तक जेल में रखने की साजिश रची जा रही है।