दिल्ली में शोर मचाना पड़ेगा महंगा, Noise Pollution को लेकर सख्त हुई केजरीवाल सरकार

दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्ती से जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। साथ ही इसे लेकर बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने वालों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट हर माह देने को कहा है।

पर्यावरण विभाग ने 29 नवंबर के एक आदेश में सभी उपायुक्तों (राजस्व), उपमंडल मजिस्ट्रेट, पुलिस नियंत्रण कक्ष और यातायात पुलिस के सहायक आयुक्तों, उपमंडल पुलिस अधिकारियों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव से राष्ट्रीय राजधानी में ध्वनि प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों पर पूरी तरह अंकुश लगाने को कहा है।

डीपीसीसी के अनुसार, ध्वनि नियमों के उल्लंघन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियमों के अनुसार, अधिकारियों की अनुमति के बिना लाउडस्पीकर या सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग नहीं किया जा सकता। नियमों के अनुसार, सभागार, सम्मेलन कक्ष, समुदाय और बैंक्वेट हॉल जैसे बंद परिसरों को छोड़कर लाउडस्पीकर का उपयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच नहीं किया जा सकता। लाउडस्पीकर और सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के उपयोग से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। नियमों के तहत जेनरेटर सेट और निर्माण उपकरण के उपयोग के संबंध में मानदंडों के उल्लंघन पर क्रमशः एक लाख रुपये और 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।