चांद पर परचम लहराने वाला भारत रक्षा क्षेत्र में भी अपनी पकड़ लगातार मजबूत कर रहा है. हिंद महासागर पर चीन अपनी नजरें जमाकर बैठा है. जमीन और आसमान के साथ-साथ समुद्र में भी अपनी ताकत का इजाफा कर रहा है. तो वहीं भारत भी लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की कोशिश में लगा है.
कोच्चि शिपयार्ड में लान्च हुई तीन शिप
समुद्र में भारत की ताकत लगातार बढ़ रही है. इसी कड़ी में 30 नवंबर को गुरुवार को कोच्चि शिपयार्ड में एक साथ तीन एंटी सबमरीन शिप को पानी में लॉन्च किया गया. जो पूरी तरह स्वदेसी हैं. यानि अब उम्मीद है कि ये शिप कोस्टल वॉटर में दुश्मन की सबमरीन के खिलाफ ऑपरेशन में नेवी को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे.
भारतीय नौसेना में शामिल तीनों जहाजों के नाम आईएनएस माहे, आईएनएस मालवन और आईएनएस मंगरोल है. जिनका नाम ऐतिहासिक भारतीय बंदरगाहों के नाम पर रखा गया है. और ये नवंबर 2024 तक कमीशनिंग के लिए तैयार हो जाएंगे.
ये हैं एंटी सबमरीन शिप की खासियतें
- – ये शिप कोस्टल वॉटर में एंटी सबमरीन यानी दुश्मन की सबमरीन के खिलाफ ऑपरेशन में नेवी की क्षमता बढ़ाएंगे.
- समंदर में कम इंटेसिटी के ऑपरेशन में भी यह शिप मददगार होंगे.
- समंदर में माइन बिछाने के ऑपरेशन में भी ये एंटी सबमरीन शिप इस्तेमाल किए जा सकेंगे.
- इन शिप की लंबाई 77 मीटर है और इनका वजन 900 टन है.
- इनकी अधिकतम स्पीड 25 नॉट्स है और एंड्योरेंस 1800 नॉटिकल माइल्स है। यानी यह शिप एक बार में 1800 नॉटिकल माइल्स तक जा सकता है.
- इन एंटी सबमरीन शिप की क्षमता किसी भी अंडर वॉटर खतरे को नष्ट करने की है। इनमें 80 पर्सेंट से ज्यादा स्वदेशी कंटेंट लगा है.