झारखंड : भाजपा ने पूर्व झामुमो विधायक सीता सोरेन को दुमका सीट से उम्मीदवार बनाया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रविवार को झारखंड में तीन सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की पूर्व विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन भी शामिल हैं जिन्हें दुमका (एसटी) सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।

पार्टी ने दो मार्च को घोषणा की थी कि मौजूदा सांसद सुनील सोरेन दुमका से फिर से चुनाव लड़ेंगे। सुनील सोरेन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को 47,590 मतों के अंतर से हराया था।

राज्य में सत्तारूढ़ झामुमो को झटका देते हुए तीन बार की विधायक और पार्टी के संरक्षक शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता 20 मार्च को झामुमो पर उन्हें ‘अलग-थलग’ और ‘उपेक्षा’ करने का आरोप लगाते हुए भाजपा में शामिल हो गईं। उनके पति दुर्गा सोरेन की 2009 में मृत्यु हो गई थी।

दुमका में एक जून को आखिरी चरण में मतदान होगा।

पार्टी ने जिन दो और सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है वे चतरा और धनबाद हैं। भाजपा ने इन सीट पर क्रमश: कालीचरण सिंह और दुलु महतो को मैदान में उतारा है।

भाजपा ने चतरा में मौजूदा सांसद सुनील कुमार सिंह का टिकट काटकर कालीचरण सिंह पर भरोसा जताया है। सुनील कुमार पिछला चुनाव 3.77 लाख मतों के अंतर से जीते थे। पार्टी ने 2009 से धनबाद का नेतृत्व कर रहे मौजूदा सांसद पशुपति नाथ सिंह की जगह बाघमारा से विधायक दुलु महतो को मैदान में उतारा है।

महतो 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के टिकट पर विधायक बने थे। उनके खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा मामले हैं और वह 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे।

चतरा और धनबाद में क्रमश: 20 और 25 मई को मतदान होगा।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची में झारखंड की 11 सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किए थे। इनमें चार नए उम्मीदवार पूर्व कांग्रेस सांसद गीता कोरा (सिंहभूम एसटी निर्वाचन क्षेत्र), राज्यसभा सदस्य समीर उरांव, ताला मरांडी और मनीष जयसवाल शामिल हैं। पार्टी ने पिछली सूची में सात सांसदों को दोबारा मैदान में उतारने की घोषणा की थी जिनमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (खूंटी एसटी) और अन्नपूर्णा देवी (कोडरमा) शामिल हैं।

झारखंड में 14 लोकसभा सीट हैं और भाजपा तथा ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे के तहत गिरिडीह सीट आजसू पार्टी के लिए छोड़ी गई है।