अश्विन के 100वें मैच को यादगार बनाने उतरेगा भारत, जीत के साथ स्वदेश लौटना चाहेगा इंग्लैंड

अश्विन के 100वें मैच को यादगार बनाने उतरेगा भारत, जीत के साथ स्वदेश लौटना चाहेगा इंग्लैंड

पिछले 3 मैच में जीत से श्रृंखला में अजेय बढ़त हासिल करने वाली भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ कल से शुरू होने वाले 5वें और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच को अपने स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के लिए यादगार बनाने की कोशिश करेगी।

अश्विन का यह 100वां टेस्ट मैच होगा। इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो का भी यह 100वां टेस्ट मैच होगा और उनकी टीम भी जीत के साथ अपने अभियान को समाप्त करना चाहेगी।

भारत ने रांची में चौथा टेस्ट मैच जीत कर घरेलू धरती पर अपना शानदार रिकार्ड बरकरार रखा और अब उसकी निगाह श्रृंखला में 4-1 से जीत दर्ज करके विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अपने शीर्ष स्थान को मजबूती प्रदान करने पर टिकी है।

धर्मशाला की पिच और मौसम को देखकर इंग्लैंड को घरेलू धरती पर खेलने का अहसास हो रहा है। मैच के पहले 2 दिन तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है जबकि सप्ताहांत में इसमें कुछ बढ़ोतरी होगी।

मैच की पूर्व संध्या पर पिच सपाट नजर आ रही है। लेकिन नमी के कारण सभी दिन शुरू में तेज गेंदबाजों को भी मदद मिलने की उम्मीद है।

इस मैदान पर अमूमन तेज गेंदबाजों को मदद मिलती रही है लेकिन स्पिनरों की भूमिका को भी कम नहीं आंका जा सकता है। अभी तक यहां केवल एक टेस्ट मैच खेला गया है।

यह मैच 2017 में खेला गया था। जिसमें भारत की ऑस्ट्रेलिया पर जीत में स्पिनरों ने अहम भूमिका निभाई थी।

हाल में यहां खेले गए रणजी ट्रॉफी के मैचों में टीमों ने कई बार 300 रन से अधिक का स्कोर बनाया। बड़ौदा ने एक मैच में 482 रन बनाए जो वर्तमान सत्र में इस मैदान पर सबसे बड़ा स्कोर है।

भारत इस मैच में भी 2 तेज गेंदबाजों और 3 स्पिनरों के साथ ही उतर सकता है। जसप्रीत बुमराह की वापसी से भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण मजबूत हुआ है।

उनके साथ मोहम्मद सिराज तेज गेंदबाजी विभाग का जिम्मा संभालेंगे। जबकि अश्विन, रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव के कंधों पर स्पिन विभाग की जिम्मेदारी होगी।

कुलदीप ने 2017 में इसी मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। केएल राहुल ने अभी तक पूर्ण फिटनेस हासिल नहीं की है और ऐसे में रजत पाटीदार को एक और मौका मिल सकता है।

रजत को इस मैच में अच्छा स्कोर बनाना होगा क्योंकि टीम में जगह बनाए रखने के लिए यह उनके पास आखिरी मौका हो सकता है। भारतीय टीम प्रबंधन के पास मध्यक्रम में देवदत्त पडिक्कल के रूप में एक अन्य विकल्प है।

सरफराज खान ने राजकोट में अपने पहले मैच में शानदार बल्लेबाजी की थी। लेकिन रांची में उनका बल्ला नहीं चल पाया था और वह उसकी भरपाई यहां करना चाहेंगे।

टीम के बाकी बल्लेबाज भी प्रभावशाली प्रदर्शन करने कि कोशिश करेंगे। बेहतरीन फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल एक और बड़ी पारी खेल कर किसी एक श्रृंखला में 700 से अधिक रन बनाने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बनने की कोशिश करेंगे।

अभी तक केवल सुनील गावस्कर ही यह उपलब्धि हासिल कर पाए हैं। इंग्लैंड ने जब से आक्रामक अंदाज में खेलने की ‘बैजबॉल’ शैली को अपनाया तब से उसे टेस्ट क्रिकेट में पहली बार श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा।

लेकिन उसकी टीम दौरे का अंत जीत से करने और बेयरस्टो के लिए यह मैच यादगार बनाने की कोशिश करेगी। इंग्लैंड के प्रशंसक बड़ी संख्या में यहां पहुंचे हैं और टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की यह भी एक प्रेरणा होगी।

इंग्लैंड श्रृंखला की शुरू में केवल एक तेज गेंदबाज के साथ मैदान पर उतरा था। लेकिन यहां की परिस्थितियों को देखकर वह 3 तेज गेंदबाजों को अंतिम एकादश में शामिल कर सकता है।

ऐसी स्थिति में अनुभवी जेम्स एंडरसन और मार्क वुड के साथ गस एटकिंसन को मौका मिल सकता है जिन्होंने अभी तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। शोएब बशीर और टॉम हार्टले इंग्लैंड के स्पिन विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे।

भारत की टीम

रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उप कप्तान), यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल, रजत पाटीदार, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, केएस भरत, देवदत्त पडिक्कल, आर अश्विन, रविंद्र जड़ेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मो. सिराज, मुकेश कुमार, आकाश दीप

इंग्लैंड की टीम

बेन स्टोक्स (कप्तान), ओली पोप (उपकप्तान), जेम्स एंडरसन, गस एटकिंसन, जॉनी बेयरस्टो, शोएब बशीर, जैक क्रॉली, बेन डकेट, बेन फोक्स (विकेटकीपर), डैन लॉरेंस, टॉम हार्टले, ओली रॉबिन्सन, जो रूट, मार्क वुड